ठेकेदार के कर्मचारियों के साथ कार्यवाही की कोशिश पड़ी महंगी
सरकारी अमले की गाड़ी में तोड़फोड़ कर अपना ट्रैक्टर ले भागे रेत चोरपुलिस पर जताया अविश्वास, वारदात में टूट सकती थी किसी की भी सांस
" जिला एवं पुलिस प्रशासन की अनुमति और सहयोग के बिना एक कदम भी न चल पाने वाला खनिज विभाग का अमला अचानक इतना कर्मठ और ताकतवर हो गया कि आधी रात को बिना जिला व पुलिस प्रशासन को सूचना दिए रेत खदान में अवैध उत्खनन एवं परिवहन रोकने के लिए चल पड़ा। कुछ माह पूर्व ही रेत खदान में पटवारी की नृशंस हत्या की वारदात को भुलाकर इस प्रकार का दु:साहस कहां की समझदारी है, यह आम लोगों की समझ से परे है। माना कि खनिज अधिकारी देवेंद्र पटले एक बड़े, जिम्मेदार और स्वतंत्र अधिकारी हैं उन्हें कार्यवाही करने का अधिकार भी है लेकिन यदि कहीं मामला बढ़ता और सर्वेयर गुप्ता के साथ कोई अनहोनी हो जाती तो इसका जिम्मेदार कौन होता? तब तो खनिज अधिकारी हाथ झाड़ कर बैठ जाते और भुगतना जिला व पुलिस प्रशासन को ही पड़ता। स्वतंत्र अधिकारी को यह तो सोचना ही चाहिए था कि रेत ठेकेदार की सेवा से हुए शक्ति संचार का अधिक और असमय इस्तेमाल विभागीय अमले के लोगों की जान के लिए खतरनाक भी साबित हो सकता है। "
अनिल द्विवेदी 7000295641
शहडोल। जिले में रेत माफियाओं का दुस्साहस चरम पर है और लगभग उसी क्रम में खनिज विभाग पूरी तरह से लापरवाह होकर कार्य कर रहा है। खनिज विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के चलते बीती रात शहडोल में पटवारी हत्याकांड जैसे वारदात की पुनरावृत्ति होते-होते बच गई। खनिज विभाग की इस लापरवाह कार्य शैली को लेकर सोमवार को पूरे दिन पूरे जिले में चर्चाओं का बाजार गर्म रहा। हर एक व्यक्ति की जुबान पर यही सवाल तैर रहा था कि क्या खनिज अधिकारी को अपने विभाग में कार्यरत मातहत कर्मचारियों के जान माल की बिल्कुल भी परवाह नहीं है, जो इतना बड़ा जोखिम मोल ले लिया।
यह है मामला
जानकार सूत्रों के मुताबिक रेत ठेकेदार के लोगो के साथ खनिज विभाग का अमला रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन पकड़ने आधी रात गोहपारु थाना अंतर्गत बरेली ग्राम पहुंच गया। खनिज अमले ने रेत भरे एक ट्रैक्टर को पकड़ा लेकिन तभी ट्रैक्टर मालिक वहां पहुंच गया। और उसने खनिज विभाग के कर्मचारियों के साथ मारपीट कर और उनके वाहन को क्षतिग्रस्त कर अपने ट्रैक्टर को रेत सहित छुड़ाकर भाग गया। बाद में लुटे-पिटे खनिज विभाग के कर्मचारियों ने गोहपारु थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई, जिस पर रेत माफिया के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत गोहपारु थाना में प्रकरण दर्ज किया गया।
कौन होता जिम्मेदार
लोगों के बीच यह सवाल तेजी से उठ रहा है कि आखिर आधी रात को कलेक्टर-एसडीएम या अन्य किसी वरिष्ठ अधिकारी को सूचना दिए बिना खनिज विभाग का अमला आधी रात को रेत पकड़ने कैसे बरेली गांव तक पहुंच गया। सवाल तो यह भी है, कि खनिज विभाग के कर्मचारियों ने पुलिस को सूचना क्यों नहीं दी और गोहपारु पुलिस को अपने साथ यह क्यों नहीं ले गए। बिना पुलिस बल की उपस्थिति में यदि आधी रात को बड़ी घटना घटित हो जाती तो इसका जिम्मेदार कौन होता। सवाल यह भी उठना है कि जिस रेत ठेकेदार के हित संरक्षण के लिए विभागीय अधिकारी ने इतना बड़ा जोखिम उठाया, क्या वह ठेकेदार विषम परिस्थितियों में किसी प्रकार की जन धन हानि की भरपाई का जिम्मेदार होता?
सर्वेयर ने दर्ज कराई रिपोर्ट
खनिज विभाग में पदस्थ सर्वेयर समयलाल गुप्ता पिता स्व. शिवनारायण गुप्ता उम्र 37 वर्ष ने गोहपारू थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है कि खनि अधिकारी शहडोल के आदेश पर ग्राम गोहपारू क्षेत्र में रेत के अवैध उत्खनन परिवहन की शिकायत की जांच हेतु दिनांक 18 फरवरी की रात्रि में निकला था। मेरे साथ होमगार्ड के दो सैनिक मृगेन्द्र सिंह एवं चन्द्रिका प्रसाद नामदेव भी थे। एवं रेत ठेकेदार के कर्मचारी अपनी गाड़ी से साथ आये थे। मैं होमगार्ड सैनिकों के साथ ग्राम बरेली पहुंचा जहां पर एक ट्रेक्टर बिना नंबर का आया जिसे रोका गया। जिसकी ट्राली पर रेत भरा हुआ पाया गया।
यह है आरोपी
खनिज सर्वेक्षक समय लाल गुप्ता द्वारा दर्ज कराई गई रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि वाहन चालक से रेत लोड की ई टीपी के संबंध में पूछा गया जो चालक द्वारा ई टीपी नहीं होना बताया। रेत लोड सुदा ट्रेक्टर को थाना ले चलने के लिये चालक से कहा गया तभी ग्राम बरेली में समय लगभग 01 बजे वहां पर विवेक तिवारी निवासी लेदरा का आ गया और बोला कि मेरा नाम विवेक तिवारी है, यह मेरा ट्रेक्टर है, मैं चलवा रहा हूँ। अन्य लोग भी आ गये और ट्रेक्टर को अपने ड्रायवर से चलवाकर हमसे छुड़ाकर भगा ले गया।
वाहन में तोड़फोड़
रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि मैं जिस वाहन बोलेरो क्रमांक एम पी 07 जेड सी 6588 में बैठा था उसमे लाठी डंडे से तोड़फोड़ किया गया एवं गाली गलौच भी किया गया। ट्रेक्टर पर अवैध चोरी का रेत लोड था। ट्रेक्टर वाहन को विवेक तिवारी निवासी लेदरा के द्वारा ट्रेक्टर को चालक से चलवाकर हमारे पास से छुड़ाकर भगा ले गया है। ट्रेक्टर ड्रायवर एवं विवेक तिवारी दोनो मिलकर ट्रेक्टर को लेकर भाग गये हैं। अतः निवेदन है कि अवैध रेत परिवहनकर्ता वाहन चालक एवं विवेक तिवारी के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कर कार्यवाही की जाए। इस रिपोर्ट पर गोहपारू पुलिस ने धारा 379, 414, 186, 353 भादवि एवं 21/4 खनिज अधिनियम का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना मे लिया है।
समय अच्छा था समय लाल का
खनिज अधिकारी शहडोल देवेंद्र पटेल के निर्देश पर रेत का अवैध उत्खनन एवं परिवहन रोकने या पकड़ने गए विभागीय सर्वेयर समय लाल गुप्ता का समय अच्छा था कि छुटभैये टाइप का रेत कारोबारी और उसका वाहन पकड़ में आया वर्ना बड़े रेत माफियाओं के लिए तो अधिकारी-कर्मचारियों को रौंद कर निकल जाने में भी संकोच नहीं होता जिसके कई प्रमाण सामने आ चुके हैं। इसके अलावा खनिज अधिकारी का भी समय अनुकूल ही माना जा सकता है अन्यथा की स्थिति में वह अधिकार और स्वतंत्रता जैसे शब्द भूल ही जाते।
सावधानी की दरकार
जिला एवं पुलिस प्रशासन ही नहीं खनिज विभाग का भी यह दायित्व है कि वह अवैध गतिविधियों विशेष कर गौंड़ खनिज के अवैध उत्खनन एवं परिवहन पर रोक लगाए लेकिन दायित्वों के निर्वहन के समय सावधानी बरता जाना भी निहायत जरूरी है। कहीं ऐसा ना हो की अधिकारी विशेष के अति उत्साह अथवा अतिरिक्त सेवा के प्रति समर्पण की भावना किसी अधिकारी कर्मचारी की जान का दुश्मन बन जाए। जिला व पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को ऐसे अति उत्साही अधिकारियों को नसीहत देने पर विचार जरूर करना चाहिए ताकि भविष्य में पटवारी हत्याकांड जैसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न होने पाए।
मैं स्वतंत्र हूं-खनिज अधिकारी
इस संबंध में जब जिले के खनिज अधिकारी देवेंद्र पटले से जानकारी ली गई की क्या उन्होंने कलेक्टर या अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से इस बारे में अनुमति ली थी तो उन्होंने कहा कि मैं जिले में खनिज विभाग का प्रमुख अधिकारी हूं। रात में मैं भी वहां मौजूद था, इसलिए अलग से किसी वरिष्ठ अधिकारी को इंटिमेट करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने तो यह भी कहा कि पुलिस को हमने इसलिए सूचना नहीं दी क्योंकि थाने के आसपास लोग खड़े रहते हैं और मुखबरी हो जाती है।
अनिल द्विवेदी 7000295641
शहडोल। जिले में रेत माफियाओं का दुस्साहस चरम पर है और लगभग उसी क्रम में खनिज विभाग पूरी तरह से लापरवाह होकर कार्य कर रहा है। खनिज विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के चलते बीती रात शहडोल में पटवारी हत्याकांड जैसे वारदात की पुनरावृत्ति होते-होते बच गई। खनिज विभाग की इस लापरवाह कार्य शैली को लेकर सोमवार को पूरे दिन पूरे जिले में चर्चाओं का बाजार गर्म रहा। हर एक व्यक्ति की जुबान पर यही सवाल तैर रहा था कि क्या खनिज अधिकारी को अपने विभाग में कार्यरत मातहत कर्मचारियों के जान माल की बिल्कुल भी परवाह नहीं है, जो इतना बड़ा जोखिम मोल ले लिया।
यह है मामला
जानकार सूत्रों के मुताबिक रेत ठेकेदार के लोगो के साथ खनिज विभाग का अमला रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन पकड़ने आधी रात गोहपारु थाना अंतर्गत बरेली ग्राम पहुंच गया। खनिज अमले ने रेत भरे एक ट्रैक्टर को पकड़ा लेकिन तभी ट्रैक्टर मालिक वहां पहुंच गया। और उसने खनिज विभाग के कर्मचारियों के साथ मारपीट कर और उनके वाहन को क्षतिग्रस्त कर अपने ट्रैक्टर को रेत सहित छुड़ाकर भाग गया। बाद में लुटे-पिटे खनिज विभाग के कर्मचारियों ने गोहपारु थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई, जिस पर रेत माफिया के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत गोहपारु थाना में प्रकरण दर्ज किया गया।
कौन होता जिम्मेदार
लोगों के बीच यह सवाल तेजी से उठ रहा है कि आखिर आधी रात को कलेक्टर-एसडीएम या अन्य किसी वरिष्ठ अधिकारी को सूचना दिए बिना खनिज विभाग का अमला आधी रात को रेत पकड़ने कैसे बरेली गांव तक पहुंच गया। सवाल तो यह भी है, कि खनिज विभाग के कर्मचारियों ने पुलिस को सूचना क्यों नहीं दी और गोहपारु पुलिस को अपने साथ यह क्यों नहीं ले गए। बिना पुलिस बल की उपस्थिति में यदि आधी रात को बड़ी घटना घटित हो जाती तो इसका जिम्मेदार कौन होता। सवाल यह भी उठना है कि जिस रेत ठेकेदार के हित संरक्षण के लिए विभागीय अधिकारी ने इतना बड़ा जोखिम उठाया, क्या वह ठेकेदार विषम परिस्थितियों में किसी प्रकार की जन धन हानि की भरपाई का जिम्मेदार होता?
सर्वेयर ने दर्ज कराई रिपोर्ट
खनिज विभाग में पदस्थ सर्वेयर समयलाल गुप्ता पिता स्व. शिवनारायण गुप्ता उम्र 37 वर्ष ने गोहपारू थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है कि खनि अधिकारी शहडोल के आदेश पर ग्राम गोहपारू क्षेत्र में रेत के अवैध उत्खनन परिवहन की शिकायत की जांच हेतु दिनांक 18 फरवरी की रात्रि में निकला था। मेरे साथ होमगार्ड के दो सैनिक मृगेन्द्र सिंह एवं चन्द्रिका प्रसाद नामदेव भी थे। एवं रेत ठेकेदार के कर्मचारी अपनी गाड़ी से साथ आये थे। मैं होमगार्ड सैनिकों के साथ ग्राम बरेली पहुंचा जहां पर एक ट्रेक्टर बिना नंबर का आया जिसे रोका गया। जिसकी ट्राली पर रेत भरा हुआ पाया गया।
यह है आरोपी
खनिज सर्वेक्षक समय लाल गुप्ता द्वारा दर्ज कराई गई रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि वाहन चालक से रेत लोड की ई टीपी के संबंध में पूछा गया जो चालक द्वारा ई टीपी नहीं होना बताया। रेत लोड सुदा ट्रेक्टर को थाना ले चलने के लिये चालक से कहा गया तभी ग्राम बरेली में समय लगभग 01 बजे वहां पर विवेक तिवारी निवासी लेदरा का आ गया और बोला कि मेरा नाम विवेक तिवारी है, यह मेरा ट्रेक्टर है, मैं चलवा रहा हूँ। अन्य लोग भी आ गये और ट्रेक्टर को अपने ड्रायवर से चलवाकर हमसे छुड़ाकर भगा ले गया।
वाहन में तोड़फोड़
रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि मैं जिस वाहन बोलेरो क्रमांक एम पी 07 जेड सी 6588 में बैठा था उसमे लाठी डंडे से तोड़फोड़ किया गया एवं गाली गलौच भी किया गया। ट्रेक्टर पर अवैध चोरी का रेत लोड था। ट्रेक्टर वाहन को विवेक तिवारी निवासी लेदरा के द्वारा ट्रेक्टर को चालक से चलवाकर हमारे पास से छुड़ाकर भगा ले गया है। ट्रेक्टर ड्रायवर एवं विवेक तिवारी दोनो मिलकर ट्रेक्टर को लेकर भाग गये हैं। अतः निवेदन है कि अवैध रेत परिवहनकर्ता वाहन चालक एवं विवेक तिवारी के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कर कार्यवाही की जाए। इस रिपोर्ट पर गोहपारू पुलिस ने धारा 379, 414, 186, 353 भादवि एवं 21/4 खनिज अधिनियम का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना मे लिया है।
समय अच्छा था समय लाल का
खनिज अधिकारी शहडोल देवेंद्र पटेल के निर्देश पर रेत का अवैध उत्खनन एवं परिवहन रोकने या पकड़ने गए विभागीय सर्वेयर समय लाल गुप्ता का समय अच्छा था कि छुटभैये टाइप का रेत कारोबारी और उसका वाहन पकड़ में आया वर्ना बड़े रेत माफियाओं के लिए तो अधिकारी-कर्मचारियों को रौंद कर निकल जाने में भी संकोच नहीं होता जिसके कई प्रमाण सामने आ चुके हैं। इसके अलावा खनिज अधिकारी का भी समय अनुकूल ही माना जा सकता है अन्यथा की स्थिति में वह अधिकार और स्वतंत्रता जैसे शब्द भूल ही जाते।
सावधानी की दरकार
जिला एवं पुलिस प्रशासन ही नहीं खनिज विभाग का भी यह दायित्व है कि वह अवैध गतिविधियों विशेष कर गौंड़ खनिज के अवैध उत्खनन एवं परिवहन पर रोक लगाए लेकिन दायित्वों के निर्वहन के समय सावधानी बरता जाना भी निहायत जरूरी है। कहीं ऐसा ना हो की अधिकारी विशेष के अति उत्साह अथवा अतिरिक्त सेवा के प्रति समर्पण की भावना किसी अधिकारी कर्मचारी की जान का दुश्मन बन जाए। जिला व पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को ऐसे अति उत्साही अधिकारियों को नसीहत देने पर विचार जरूर करना चाहिए ताकि भविष्य में पटवारी हत्याकांड जैसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न होने पाए।
मैं स्वतंत्र हूं-खनिज अधिकारी
इस संबंध में जब जिले के खनिज अधिकारी देवेंद्र पटले से जानकारी ली गई की क्या उन्होंने कलेक्टर या अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से इस बारे में अनुमति ली थी तो उन्होंने कहा कि मैं जिले में खनिज विभाग का प्रमुख अधिकारी हूं। रात में मैं भी वहां मौजूद था, इसलिए अलग से किसी वरिष्ठ अधिकारी को इंटिमेट करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने तो यह भी कहा कि पुलिस को हमने इसलिए सूचना नहीं दी क्योंकि थाने के आसपास लोग खड़े रहते हैं और मुखबरी हो जाती है।
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