- उपाध्यक्ष ने खुद को घोषित किया अध्यक्ष
- अध्यक्ष बोले उपाध्यक्ष को बैठक बुलाने का अधिकार ही नहीं
" पद और प्रभाव का लोभी कथित श्रमिक नेता न सिर्फ स्वयंभू अध्यक्ष बन बैठा बल्कि संगठन के वरिष्ठ केन्द्रीय पदाधिकारियों व सदस्य साथियों को धोखे में रखकर स्वयं को केन्द्रीय वेलफेयर बोर्ड का मेजर नॉमिनेट कर लिया। कथित स्वयंभू अध्यक्ष की गतिविधियों एवं संगठन विरोधी कार्यो को देखते हुए संगठन के महा सचिव द्वारा उक्त तथाकथित अध्यक्ष को अमान्य घोषित करते हुए सख्त कार्यवाही किए जाने की बात कही है। "
( मो. शमीम खान )
धनपुरी। साउथ इस्टर्न कोयला मजदूर कांग्रेस एसईकेएमसी इंटक की केन्द्रीय कार्यकारणी में बगावत हो गई है। केन्द्रीय कार्यकारिणी के उपाध्यक्ष संपत शुक्ला ने खुद को अध्यक्ष घोषित कर दिया है और अध्यक्ष सहित सभी पद से गोपाल नारायण सिंह को मुक्त कर दिया है। हालांकि इसके बाद केन्द्रीय महामंत्री प्रीतम पाठक की एक सूचना सामने आई है जिसमें उन्होंने संपत शुक्ला की इन गतिविधियों को असंवैधानिक और गैरकानूनी बताया है। केन्द्रीय कार्यकारिणी के अध्यक्ष गोपाल नारायण सिंह का कहना है कि नौ अक्टूबर की जिस बैठक का हवाला संपत शुक्ला दे रहे हैं वैसी कोई बैठक हुई ही नहीं है और इस तरह की कोई बैठक बुलाने का उपाध्यक्ष को कोई अधिकार भी नहीं है।
महामंत्री ने लिखा पत्र
इंटक के सभी केंद्रीय पदाधिकारी, क्षेत्रीय अध्यक्ष सचिव एवं सभी इकाइयों के अध्यक्ष एवं सचिवों को संबोधित करते हुए केन्द्रीय कार्यकारिणी के महामंत्री ने एक पत्र लिखा है जिसमें कहा गया है कि सोशल मीडिया से प्राप्त सूचना के अनुसार संपत शुक्ला केंद्रीय उपाध्यक्ष द्वारा हास्यप्रद एवं स्वयंभू ही केंद्रीय अध्यक्ष बनकर केंद्रीय अध्यक्ष गोपाल नारायण सिंह को यूनियन से ही निष्कासित कर दिया है, जो पूर्णत: असंवैधानिक है। क्योंकि इनको किसी को भी निष्कासित करने का अधिकार नहीं है। यूनियन के विधान के अनुसार केवल जनरल काउंसिल के सदस्यों द्वारा यह निर्णय लिया जा सकता है। पत्र में कहा गया है कि पंजीयक कार्यालय के द्वारा ई फार्म के बिना किसी को कोई भी मान्यता नहीं मिलती है। पंजीयक फार्म के विधान के अनुसार आज भी गोपाल नारायण सिंह ही अध्यक्ष हैं।
काेयला कामगारों का बड़ा संगठन
इंटक कोयला कामगारों का बड़ा संगठन है और एसईसीएल में इस संगठन की तूती बोलती है। एसईसीएल के सभी 12 एरिया में संगठन काम कर रहा है। इनमें से चार मध्यप्रदेश में हैं जबकि आठ छत्तीसगढ़ में है। संगठन में पिछले कुछ दिनों से काफी गहमा-गहमी चल रही है। संपत शुक्ला का कहना है कि उन्हें इसी महीने की नौ तारीख को कुसमुंडा छत्तीसगढ़ में आमसभा की बैठक की गई थी जिसमें साढ़े चार सौ से ज्यादा लोग शामिल थे। वहीं गोपाल नारायण सिंह को मुक्त करने का निर्णय लिया गया है। वहीं दूसरी तरफ केन्द्रीय अध्यक्ष गोपाल नारायण सिंह का कहना है कि उन्होंने कंपनी स्तरीय वेल्फेयर बोर्ड से संपत शुक्ला को हटा दिया है और उनकी जगह अब महामंत्री प्रीतम पाठक को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
विरोध के स्वर
संपत शुक्ला द्वार खुद को अध्यक्ष घोषित किए जाने के बाद सभी एरिया से इस घटनाक्रम को लेकर विरोध के स्वर मुखर हो गए हैं। आदर्श नगर कुसमुंडा समुदाईक भवन परियोजना इकाई एवं क्षेत्रीय इकाई की चुनावी बैठक में जमकर घटनाक्रम का विरोध हुआ। नीवन सिंह सचिव एएचक्यू कोबरा, संजय कुमार पटेल अध्यक्ष जमुना कोतमा क्षेत्र, सतेंद्रपाल सिंह, डीके मिश्रा गेवरा क्षेत्र, डीएल ग्वालवंशी क्षेत्रीय अध्यक्ष रायगढ़ छत्तीसगढ़ सहित कई लोगों ने इस घटनाक्रम का विरोध किया है। हालांकि सोहागपुर क्षेत्र के अध्यक्ष कमलेश शर्मा इस पूरे मामले से खुद को बचाते हुए नजर आ रहे हैं।
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