- पुलिस से है यारी, तो नो गिरफ्तारी फंडे पर कप्तान ने चला दी आरी
- छह माह बाद दबोचा गया दुष्कर्म का आरोपी, पीड़िता व परिजनों को दे रहा था धमकी- सौ किमी दूर एडीजीपी व पुलिस अधीक्षक से से गुहार लगाने पहुंचे थे पीड़ितजन
" नाबालिग से दुष्कर्म जैसे गंभीर अपराध को भी कथित तौर पर अंजाम देने वाले आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है यदि थाने में बैठे पुलिस कर्मचारियों से उसकी यारी हो, अथवा थाने के अधिकारी का वरदहस्त प्राप्त हो। गिरफ्तारी से बचने के लिए अपनाए जाने वाले इस प्रकार के फंडे पर पुलिस कप्तान ने आरी चला दी और पिछले 6 महीनों से निर्भय होकर घूमने व पीड़िता तथा परिजनों को धमकाने वाले दुष्कर्म के आरोपी को अंतत: दबोच लिया गया। आरोपी की धमकियों और प्रताड़ना से तंग पीड़िता और उसके परिजन एडीजीपी शहडोल एवं एसपी के कार्यालय में न्याय और सुरक्षा की गुहार लगाने पहुंचे थे। "
(अनिल द्विवेदी 7000295641)
शहडौल। जिले के जैतपुर थाना प्रभारी एवं थाने में मौजूद कतिपय कर्मचारियों पर दुष्कर्म के आरोपी को संरक्षण देने और अपराध दर्ज होने के बाद भी गिरफ्तारी नहीं किए जाने का गंभीर आरोप लगाया गया है। पीड़ित पक्ष का कहना है कि गिरफ्तारी के भय से मुक्त दुष्कर्म के आरोपी और उसके घर वालों द्वारा पीड़िता और उसके परिजनों पर दबाव बनाकर शिकायत वापस लेने पर मजबूर करने के उद्देश्य से आए दिन घर में घुसकर प्रताड़ित किया जाता है, धमकियां दी जाती हैं, इतना ही नहीं जबरिया दबाव बनाने के लिए दुष्कर्म पीड़िता के भाई को दुष्कर्म का ही एक झूठे मामले का आरोपी बनाकर प्रकरण दर्ज करा दिया गया है। आलम यह है कि रोजाना मिलने वाले धमकियों और प्रताड़ना से पीड़िता और उसके परिजनों का जीना दुश्वार हो गया है।
यह है मामला
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक शहडोल जोन के नाम संबोधित शिकायत पत्र में पीड़ित परिजनों ने आरोप लगाते हुए बताया कि आरोपी वीरेन्द्र बसोर पिता राजू बसोर निवासी ग्राम कमता थाना जैतपुर जिला शहडोल म०प्र० के द्वारा पीड़िता जो नावालिग है के साथ विगत 2 वर्षों से बलात्कार की घटना कारित कर रहा है। जब पीड़िता उक्त बात की जानकारी अपने घर वालों को दी पीड़िता की ओर से वीरेन्द्र बसोर के विरूद्ध दिनांक 22/11/23 को महिला थाना शहडोल में धारा 376, 363, भा०दं०वि० एवं 5/6 पास्को एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज करायी जिसका अपराध क्रमांक 61/23 है।
जवाबी प्रकरण
पीड़ित परिजनों ने आरप लगाते हुए बताया कि दुष्कर्म का प्रकरण दर्ज होने की जानकारी होने पर बीरेन्द्र बसोर व उसके परिवार के लोग शिकायत कर्ता व पीड़िता को रिपोर्ट वापस लेने के लिये धमकी देने लगे तथा रिपोर्ट वापस न लेने पर आरोपी बीरेन्द्र कुमार के द्वारा अपनी बहन को कथित तौर पर मोहरा बनाकर पीड़िता के पुरुष परिजनों को झूठे बलात्कार एवं हरिजन एक्ट के मुकदमें फंसा देने की धमकी देना लगा। इतना ही नहीं पीड़िता द्वारा रिपोर्ट वापस नहीं लिये जाने के कारण बीरेन्द्र बसोर के द्वारा अपनी बहन से झूठे तथ्यों के आधार पर मुकदमा पंजीबद्व करवा दिया गया है जिस पर पीड़िता का भाई जेल में बंद है, किंतु आज दिनांक तक थाना जैतपुर के द्वारा बीरेन्द्र को गिरफतार नहीं किया गया है जिस कारण से वीरेन्द्र व उसके परिवार के द्वारा लगातार मुकदमा वापस लेने की बात कहीं जा रही है।
अपराध और अपराधियों के प्रति सख्त रुख अख्तियार करने वाले आम जन के प्रति संवेदनशील अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस और पुलिस कप्तान को फरियाद सुनाने आई पीड़िता और परिजनों ने अधिकारियों की व्यस्तता के कारण कार्यालय में आवेदन प्रस्तुत किया गया है और शीघ्र ही पुन: संभाग व जिला मुख्यालय आकर प्रत्यक्ष रूप से गुहार लगाने की बात कही गई है।
एसपी ने भेजी टीम
प्राप्त जानकारी के अनुसार पीड़िता व उसके परिजनों द्वारा जिला मुख्यालय पहुंच कर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से की गई शिकायत को संज्ञान में लेते हुए पुलिस अधीक्षक शहडोल कुमार प्रतीक द्वारा तत्काल एक टीम का गठन कर जैतपुर थाना क्षेत्र भेजा गया ताकि आरोपी को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जा सके। एसपी की इस स्पेशल टीम द्वारा संबंधित थाना क्षेत्र में जाकर आरोपी को गिरफ्तार कर थाने लाया गया जहां से उसे न्यायालय में प्रस्तुत किए जाने पर न्यायालय द्वारा रिमांड पर भेज दिया गया। जानकार सूत्रों की माने तो मौजूदा थाना प्रभारी तो अभी कुछ हफ्ते पहले ही जैतपुर थाने में आए हैं उनके पूर्व रहे थाना प्रभारी द्वारा आरोपी को कथित तौर पर संरक्षण दिया गया जिसके कारण 6 महीने तक गंभीर अपराध दर्ज होने के बाद भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया जा सका और इसी का अनुचित लाभ उठाते हुए वह पीड़िता व उसके परिजनों को लगातार प्रताड़ित कर धमकियां देता रहा है।
इनका कहना है-
आरोपी को गिरफ्तार कर रिमांड में भेज दिया गया है।
रामकुमार ग्वाल
थाना प्रभारी जैतपुर, शहडोल
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शहडौल। जिले के जैतपुर थाना प्रभारी एवं थाने में मौजूद कतिपय कर्मचारियों पर दुष्कर्म के आरोपी को संरक्षण देने और अपराध दर्ज होने के बाद भी गिरफ्तारी नहीं किए जाने का गंभीर आरोप लगाया गया है। पीड़ित पक्ष का कहना है कि गिरफ्तारी के भय से मुक्त दुष्कर्म के आरोपी और उसके घर वालों द्वारा पीड़िता और उसके परिजनों पर दबाव बनाकर शिकायत वापस लेने पर मजबूर करने के उद्देश्य से आए दिन घर में घुसकर प्रताड़ित किया जाता है, धमकियां दी जाती हैं, इतना ही नहीं जबरिया दबाव बनाने के लिए दुष्कर्म पीड़िता के भाई को दुष्कर्म का ही एक झूठे मामले का आरोपी बनाकर प्रकरण दर्ज करा दिया गया है। आलम यह है कि रोजाना मिलने वाले धमकियों और प्रताड़ना से पीड़िता और उसके परिजनों का जीना दुश्वार हो गया है।
यह है मामला
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक शहडोल जोन के नाम संबोधित शिकायत पत्र में पीड़ित परिजनों ने आरोप लगाते हुए बताया कि आरोपी वीरेन्द्र बसोर पिता राजू बसोर निवासी ग्राम कमता थाना जैतपुर जिला शहडोल म०प्र० के द्वारा पीड़िता जो नावालिग है के साथ विगत 2 वर्षों से बलात्कार की घटना कारित कर रहा है। जब पीड़िता उक्त बात की जानकारी अपने घर वालों को दी पीड़िता की ओर से वीरेन्द्र बसोर के विरूद्ध दिनांक 22/11/23 को महिला थाना शहडोल में धारा 376, 363, भा०दं०वि० एवं 5/6 पास्को एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज करायी जिसका अपराध क्रमांक 61/23 है।
जवाबी प्रकरण
पीड़ित परिजनों ने आरप लगाते हुए बताया कि दुष्कर्म का प्रकरण दर्ज होने की जानकारी होने पर बीरेन्द्र बसोर व उसके परिवार के लोग शिकायत कर्ता व पीड़िता को रिपोर्ट वापस लेने के लिये धमकी देने लगे तथा रिपोर्ट वापस न लेने पर आरोपी बीरेन्द्र कुमार के द्वारा अपनी बहन को कथित तौर पर मोहरा बनाकर पीड़िता के पुरुष परिजनों को झूठे बलात्कार एवं हरिजन एक्ट के मुकदमें फंसा देने की धमकी देना लगा। इतना ही नहीं पीड़िता द्वारा रिपोर्ट वापस नहीं लिये जाने के कारण बीरेन्द्र बसोर के द्वारा अपनी बहन से झूठे तथ्यों के आधार पर मुकदमा पंजीबद्व करवा दिया गया है जिस पर पीड़िता का भाई जेल में बंद है, किंतु आज दिनांक तक थाना जैतपुर के द्वारा बीरेन्द्र को गिरफतार नहीं किया गया है जिस कारण से वीरेन्द्र व उसके परिवार के द्वारा लगातार मुकदमा वापस लेने की बात कहीं जा रही है।
अपराध और अपराधियों के प्रति सख्त रुख अख्तियार करने वाले आम जन के प्रति संवेदनशील अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस और पुलिस कप्तान को फरियाद सुनाने आई पीड़िता और परिजनों ने अधिकारियों की व्यस्तता के कारण कार्यालय में आवेदन प्रस्तुत किया गया है और शीघ्र ही पुन: संभाग व जिला मुख्यालय आकर प्रत्यक्ष रूप से गुहार लगाने की बात कही गई है।
एसपी ने भेजी टीम
प्राप्त जानकारी के अनुसार पीड़िता व उसके परिजनों द्वारा जिला मुख्यालय पहुंच कर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से की गई शिकायत को संज्ञान में लेते हुए पुलिस अधीक्षक शहडोल कुमार प्रतीक द्वारा तत्काल एक टीम का गठन कर जैतपुर थाना क्षेत्र भेजा गया ताकि आरोपी को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जा सके। एसपी की इस स्पेशल टीम द्वारा संबंधित थाना क्षेत्र में जाकर आरोपी को गिरफ्तार कर थाने लाया गया जहां से उसे न्यायालय में प्रस्तुत किए जाने पर न्यायालय द्वारा रिमांड पर भेज दिया गया। जानकार सूत्रों की माने तो मौजूदा थाना प्रभारी तो अभी कुछ हफ्ते पहले ही जैतपुर थाने में आए हैं उनके पूर्व रहे थाना प्रभारी द्वारा आरोपी को कथित तौर पर संरक्षण दिया गया जिसके कारण 6 महीने तक गंभीर अपराध दर्ज होने के बाद भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया जा सका और इसी का अनुचित लाभ उठाते हुए वह पीड़िता व उसके परिजनों को लगातार प्रताड़ित कर धमकियां देता रहा है।
इनका कहना है-
आरोपी को गिरफ्तार कर रिमांड में भेज दिया गया है।
रामकुमार ग्वाल
थाना प्रभारी जैतपुर, शहडोल
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