कालरी का ठेकेदार करा रहा कोयला पार
रामपुर-बटुरा ओसीएम बना अवैध कमाई का गढ़रात्रिकालीन ब्लास्टिंग में होता है उपयोग
( अनिल द्विवेदी 7000295641 )
शहडोल/धनपुरी। एसईसीएल सोहागपुर एरिया की कोयला खदानें विभिन्न ठेका कंपनियों और इन कंपनियों की आड़ में अधिकारी कर्मचारियों की अवैध कमाई का जरिया बनी हुई हैं। ठेका कंपनी चाहे सिविल विभाग से संबंधित हो या सुरक्षा, इलेक्ट्रिकल, माइनिंग या लोडिंग अनलोडिंग से संबंधित हर ठेका कंपनी और ठेकेदार सिर्फ और सिर्फ एसईसीएल व सोहागपुर एरिया मैनेजमेंट को चूना लगाने का काम बखूबी कर रहे हैं। अपने मूल काम को उन्होंने दरकिनार कर अवैध कमाई को मुख्य लक्ष्य मान लिया है और उसी को साधने में लगे हुए हैं। इन्हीं में से एक ठेका कंपनी डीजी लाइट उपलब्ध कराने के नाम पर हर दिन सैकड़ों लीटर डीजल की चपत सिर्फ रामपुर बटुरा ओसीएम को लगा रही है। इसके अलावा भी कई हथकंडे अपनाकर अंधाधुंध अवैध कमाई में जुटी इस कंपनी पर किसी का जोर नहीं रह गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार रामपुर बटुरा ओसीएम में कोयला फेस व ओवी फेस पर रात के समय कार्य के दौरान ब्लास्टिंग फेस में डीजी लाइट पर ही काम किया जा सकता है। ओसीएम में ब्लास्टिंग स्थलो पर स्थाई रूप से लाइट की व्यवस्था नहीं हो सकती इसलिए चलायमान डीजी लाइट जिसे आगे पीछे ऊपर कहीं भी ले जाया जा सकता है का उपयोग किया जाता है। उक्त डीजी लाइट एसईसीएल प्रबंधन द्वारा खरीददारी नहीं की जाती इसलिए निजी कम्पनियों को टेंडर के आधार पर कार्यादेश दिया जाता है और वह ब्लास्टिंग स्थल पर प्रकाश की समुचित व्यवस्था उपलब्ध कराते हैं।
सांठगांठ से जारी खेल
जानकार सूत्रों की माने तो एसईसीएल प्रबंधन द्वारा डीजी लाइट ठेकेदार को प्रत्येक डीजी लाइट मशीन के लिए निर्धारित किराया राशि का भुगतान तो किया ही जाता है, प्रत्येक डीजी लाइट मशीन के लिए प्रतिदिन 50 लीटर डीजल भी आवंटित किया जाता है। उक्त डीजल में से कितने लीटरडीजल की खपत होती है, मशीन का उपयोग हुआ या नहीं हुआ, कितना डीजल खपा या बचा यह देखने वाला कोई नहीं है। कुल मिलाकर आलम यह है कि डीजी लाइट ठेकेदार रोजाना सैकड़ो लीटर डीजल लाइट के नाम पर पी रहा है। इसके अलावा जो मशीनें लगी है उनके अलावा भी अधिक मशीनों की संख्या कागजों में दिखाकर अधिकारियों के साथ मिली भगत कर मैनेजमेंट से भारी भरकम राशि वसूली ठेका कंपनी द्वारा की जा रही है और इसके बदले में उपक्षेत्रीय प्रबंधन से जुड़े लोगों का भी उल्लू सीधा होता नजर आ रहा है।
पर्याप्त रोशनी
बताया जाता है कि ब्लास्टिंग स्थल में डीजी लाइट के लिए टेंडर जिस ठेका कंपनी को कार्य दिया गया है वह ओसीएम के ब्लास्टिंग स्थल को पर्याप्त रोशनी दे रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ठेकेदार के द्वारा डीजी लाइट को अंधेरा होने पर ब्लास्टिंग स्थल पर खड़ा कर देता है और अंधेरा होने के पहले ट्रैक्टर के माध्यम से डीजी लाइट को ऊपर खींच लाता है।
डीजल के साथ कोयला चोरी
बताया जाता है कि कई प्रबंधन के द्वारा अलग-अलग डीजी लाइट में 50-50 लीटर डीजल प्रबंधन के द्वारा प्रतिदिन डीजी मशीन में डालने के लिए दिया जाता है जिससे लाइट की व्यवस्था होती है। डीजी लाइट के ठेकेदार द्वारा कई लीटर डीजल डीजी लाइट से निकालकर चुपचाप ले जाया जाता है और कोयला भी बोरी में भर कर ले जाया जाता है। कोल फेस में कोई सिक्योरिटी गार्ड की डियूटी नहीं लगाई जाती है जिसका फायदा डीजी ठेकेदार और उसके कर्मचारियों द्वारा उठाया जाता है।
चाटुकारों की मेहरबानी
सूत्रों की मानें तो रामपुर बटुरा ओसीएम में सब कुछ राम भरोसे चल रहा है एक छोटा ठेका लेने वाला भी डीजल कोयला चोरी करने में पीछे नहीं है। ओसीएम में सिविल विभाग द्वारा ठेकेदार के माध्यम से कराये जा रहे कार्यों में भी बड़े पैमाने पर अनियमितता बरते जाने की शिकायतें मिल रही हैं जिन पर मैनेजमेंट से जुड़े चाटुकार किस्म के अधिकारी-कर्मचारियों से सांठगांठ के चलते कोई अंकुश नहीं लग पा रहा है।
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