जयसिंहनगर का बनवा लिया था पट्टा, कलेक्टर ने गोल करा दिया फट्टा
शहडोल (अनिलद्विवेदी)। करीब तीन साल पहले जनपद पंचायत जयसिंहनगर के डाटा इंट्री आपरेटर संजीव तिवारी को जनपद पंचायत बुढार के लिये स्थानांतरित किया गया था, लेकिन कुछ ही माह बाद अपने तिकड़म से वह पुन: जनपद पंचायत जयसिंहनगर में अपनी पदस्थापना कराने में सफल हो गया था। वजह सिर्फ यही थी कि जनपद पंचायत जयसिंहनगर से उसका मोह नहीं छूट रहा था। ऐसा लग रहा था कि जॉइनिंग के साथ ही उन्होंने जयसिंह नगर जनपद कार्यालय का पट्टा ही बनवा लिया है, लेकिन किसी की भी मनमानी आखिर कब तक चल सकती है कलेक्टर शहडोल ने अंततः पट्टाधारी का फट्टा गोल कर दिया और उन्हें पुन: बुढ़ार जनपद कार्यालय में स्थानांतरित कर दिया है, मतलब उसकी कथित बीमारी का इलाज कलेक्टर वंदना वैद्य ने कर दिया है।
कार्यालय कलेक्टर एवं जिला कार्यक्रम समन्वयक महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी स्कीम मप्र से जारी आदेश में महात्मा गांधी नरेगा योजना के क्रियान्वयन हेतु कार्य सुविधा की दृष्टि से कार्य निष्पादन हेतु जनपद पंचायत जयसिंहनगर तथा जनपद पंचायत बुढार में पदस्थ डाटा इंट्री आपरेटर्स तबादले कर दिये गए हैं। यह आदेश तत्काल प्रभावशील हो गया है। कलेक्टर वंदना वैद्य द्वारा जारी आदेश में जनपद पंचायत जयसिंहनगर में कब्जा जमाए बैठे डाटा इंट्री आपरेटर संजीव तिवारी को जनपद पंचायत बुढार के लिये स्थानांतरित किया गया है, वहीं जनपद पंचायत बुढार के डाटा इंट्री आपरेटर सतीश गौतम को जनपद पंचायत जयसिंहनगर में पदस्थ किया गया है।
*क्यों रास नहीं आया बुढ़ार*
जनपद पंचायत जयसिंहनगर में कब्जा जमाए बैठे डाटा इंट्री आपरेटर संजीव तिवारी का मोह जयसिंहनगर से क्यों नहीं छूट रहा था, यह बताने की आवश्यकता नहीं है। जिला मुख्यालय से प्रतिदिन करीब 40 किमी का सफर तय करने वाले संजीव तिवारी को मात्र 20 किमी दूर बुढ़ार जाना क्यों पसंद नहीं आया? यह बात समझ से परे होकर भी ना समझने जैसी नहीं है।
*पंचायतों में खुशी का माहौल*
जनपद पंचायत जयसिंहनगर में कब्जा जमाए बैठे डाटा इंट्री आपरेटर संजीव तिवारी का स्थानांतरण हो जाने से अनेक ग्राम पंचायतों में खुशी का माहौल है। कई ग्राम पंचायतों के सरपंच, सचिव और रोजगार सहायकों ने राहत की सांस ली है। अब देखना यह है कि उनकी यह खुशी कब तक कायम रहती है।


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