- जबलपुर में माउस से क्लिक करते ही 325 किमी दूर पांढुर्णा में ऊर्जीकृत हुआ ट्रांसफार्मर
- एम.पी. ट्रांसकों की एडवांस टेक्नालॉजी का छिंदवाड़ा जिले में पहली बार उपयोग
पहली बार रिमोट से हुआ ट्रांसफार्मर ऊर्जीकृत
एम.पी. ट्रांसकों ने जबलपुर से एच.एम.आई (हयूमन मशीन इंटरफेस) तकनीक का उपयोग करते हुये कम्प्यूटर का माउस क्लिक कर 325 किलोमीटर दूर पांढुर्ना में इस ट्रांसफार्मर को ऊर्जीकृत किया। छिंदवाड़ा जिले में इस तकनीक का उपयोग पहली बार किया गया है। इस तकनीक में मानव और कम्प्यूटर मशीनों के तालमेल से सबस्टेशनों के उपकरणों को नियंत्रित और संचालित किया जाता है।
छिंदवाड़ा जिले की पारेषण क्षमता बढ़कर 1575 एमव्हीए की हुई
म.प्र. पावर ट्रांसमिशन कंपनी के अधीक्षण अभियंता श्री एन एस लोधी ने बताया कि इस ट्रांसफार्मर के ऊर्जीकृत होने से छिंदवाड़ा जिले की कुल ट्रांसफारमेशन क्षमता बढ़कर 1575 एम.व्ही.ए. की हो गई है।जिसमें 220 के.व्ही.साइड 640 एम.व्ही.ए. तथा 132 के.व्ही.साइड 935 एम.व्ही.ए. की स्थापित क्षमता शामिल है। मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी छिंदवाड़ा जिले में अपने 10 सबस्टेशनों के माध्यम से विद्युत पारेषण करती है, जिसमें 220 के.व्ही. के 02 सबस्टेशन तथा 132 के.व्ही. क्षमता के 08 सबस्टेशन क्रियाशील है।
1976 में बना था जिले का पहला अति उच्चदाब सबस्टेशन चंदन गांव में
छिंदवाड़ा जिले में 132 के.व्ही. वोल्टेज लेबल का अति उच्चदाब का पहला सबस्टेशन चंदन गांव छिदंवाड़ा में 12.11.1976 को स्थापित हुआ था। तब 12.5 एम.व्ही.ए. क्षमता के पावर ट्रांसफार्मर से पूरे जिले के साथ नजदीकी जिले नरसिंहपुर और सिवनी में विद्युत पारेषण हुआ करता था।
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