- 50 से अधिक संख्या वाले चोर गिरोह का खैरहा भूमिगत खदान पर हमला
- चोरों के हाथ से केबिल खींचने में सफल पुलिस गिरफ्तारी में फेल
"एक, दो या चार बार नहीं बल्कि बार-बार चोर सोहागपुर कोयलांचल की भूमिगत खदानों मैं 50 से 100 लोगों की संख्या में गिरोह बनाकर प्रवेश करते, चोरी नहीं सरेआम डकैती डालते और निकल जाते हैं। पुलिस थाने में प्रबंधन द्वारा इन घटनाओं की एफआईआर दर्ज कराई जाती है, कभी-कभी एफआईआर नहीं भी दर्ज कराई जाती और कालरी प्रबंधन का बेशकीमती लोहा, तांबा, मशीनरी के पार्ट्स आदि कबाड़ के नाम पर पार कर दिए जाते हैं लेकिन उन पर कभी कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं हो सकी। बीती रात्रि एक बार फिर 50 से अधिक व्यक्तियों वाले चोर गिरोह ने खैरहा भूमिगत खदान में कथित चोरी की वारदात को अंजाम देने की कोशिश की, गार्ड की सक्रियता और खदान में कार्यरत कर्मचारी व मौके पर बुलाने से समय पर पहुंच पाए पुलिसकर्मियों के संयुक्त प्रयास से कॉपर की केबल चोरी को तो रोक लिया गया लेकिन पुलिस किसी एक चोर को भी पकड़ने में नाकामयाब रही, जो यह बता पाता कि इस वारदात में आखिर कौन कौन शामिल थे, इन चोरों के गिरोह का आका आखिर कौन है, किसके द्वारा संरक्षण प्राप्त होने के दम पर इतनी बड़ी संख्या में संगठित होकर वह वारदात को अंजाम देते हैं इस सवाल का पुख्ता जवाब तो फिलहाल किसी के पास नहीं है लेकिन अटकलबाजियों का दौर जारी है जिसके आधार पर शक की सुई न सिर्फ कालरी प्रबंधन, पुलिस बल्कि आसपास के तथाकथित धन्ना सेठों की ओर रह रह कर घूमती हुई नजर आती है क्या पुलिस और प्रशासन इन तथाकथित आकाओं का पर्दाफाश कर उनके खिलाफ कोई कार्यवाही कर पाएगा यह सवाल आम जनमानस को बार-बार उद्वेलित कर रहा है।"
[अनिल द्विवेदी]
धनपुरी। जिले के खैरा थाना क्षेत्र अंतर्गत सोहागपुर कोयलांचल के खैरहा भूमिगत माइंस में बीती 10 जुलाई की रात्रि को तकरीबन 50 से अधिक की संख्या वाले चोरों के गिरोह द्वारा खदान में प्रवेश कर खदान में मौजूद कीमती पार्ट्स की चोरी करते हुए लगभग 100 मीटर केबल को खदान में लगे सीट के ऊपर से खींच कर बाहर लेजाने का प्रयास करने लगे। खदान की सुरक्षा के लिए तैनात गार्ड की सूचना पर खान प्रबंधक ने राष्ट्र की संपत्ति को चोरों से बचाने के लिए हर संभव प्रयास किए। रात्रि में ही खदान परिसर में काम पर लगे लोगों को बुलाया, 100 हंड्रेड डायल को फोन किया, केंद्रीय सुरक्षा बल को बुलाया और खैरहा थाना को सूचना दी जिस पर टीआई दिलीप चतुर्वेदी हेड कांस्टेबल चौरसिया खदान पहुंचे और सभी के सहयोग से 100 मीटर केबिल (कापर तार ) को चोरों हाथों से खींच लिया गया।
आये दिन हो रही चोरी
कोयला खदानों में खैरहा, राजेंद्रा भमिगत और दामिनी भूमिगत माइंस अंतर्गत खैरहा थाना चौकी क्षेत्र में अज्ञात चोरों का आतंक से कोयला खदानों के खान प्रबंधकगण परेशान देखे जा रहे हैं आए दिन खदानों में खदानों से कीमती कलपुर्जों, केबिल कापर तार जो काफी महंगी होती है चोरी की जाती है। अज्ञात चोरों के द्वारा तीनों खदान में आए दिन चोरी को अंजाम दिया जा रहा है खदान की बाउंड्री वाल को छलनी कर दिया गया है और उसे जगह जगह तोड़कर खदान में प्रवेश कर जाते हैं। खान प्रबंधक ने बताया कि खैरहा थाना के टीआई दिलीप चतुर्वेदी खैरहा खदान पहुंचकर लगभग 30 मिनट बैठे रहे।
सिर्फ रपट लिखती है पुलिस
खैरहा भूमिगत मांईस थाना से लगा हुआ है फिर भी आए दिन खदान मे चोरी होती है। कालरी प्रबंधन इतना परेशान हो गया कि आए दिन केबल ,कीमती पार्ट्स चोरी से प्रबंधन को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। चोरी होने पर प्रबंधन द्वारा खाने में वारदात की रिपोर्ट लिखाई जाती है फिर भी चोरी पर अंकुश न लगने से प्रबंधन का काफी समय माइंस की सुरक्षा व्यवस्था में लग जाता है। ऐसा लगता है कि खैरहा थाने में पुलिस बल की भर्ती सिर्फ रिपोर्ट लिखने के लिए ही की गई है। अब तक कई बार खैरहा और राजेंद्रा भूमिगत माइंस में चोरों द्वारा संगठित होकर वारदात को अंजाम दिया जा चुका है, जिसकी सूचना समय-समय पर थाने को दी गई लेकिन मजाल क्या है कि एक बार भी पुलिस ने चोरों को पकड़ने या उन्हें नियंत्रित करने की दिशा में कोई भी कदम उठाया हो।
पुलिस का संरक्षण
प्रबंधन द्वारा रिपोर्ट लिखाये जाने के बावजूद पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही नहीं किए जाने के फलस्वरूप चोरों और उनके तथाकथित आंकड़ों के हौसले बुलंद हैं। चोरों की संख्या को देखकर ही अनुमान लगाया जा सकता है कि इसमें पूरा का पूरा गांव ही शामिल है। ऐसा तभी संभव है जब किसी सक्षम व्यक्ति या संगठन का उन्हें संरक्षण मिल रहा हो आखिर उनका आका कौन है, इस बात का पता भी खैरहा थाना पुलिस आज तक नहीं लगा पाई जिससे यह शंका होना लाजमी है कि कहीं ऐसा तो नहीं कि चोरों और उनके आकाओं को थाना पुलिस का ही परोक्ष संरक्षण मिल रहा है।
निडर है चोर गिरोह
खैरहा माइंस में आए दिन अज्ञात चोरों के द्वारा खदान परिसर में बने विद्युत एवं यांत्रिकी कार्यशाला की पीछे की दीवाल को तोड़कर सेंध लगाकर चोरी को अंजाम दिया जाता है वही बाउंड्री वॉल तोड़कर या कूदकर खदान में प्रवेश कर, खदान में रखे कीमती पार्ट्स की चोरी की जाती है। खदानों में आए दिन अज्ञात चोरों के द्वारा खदान में रात्रि में फिल्मी स्टाइल में समूह बनाकर खदान में प्रवेश कर जाते हैं बिना डर भय चोरी को अंजाम दिया जा रहा है। अज्ञात चोरों के द्वारा कालरी खदान को टारगेट चोरों ने चोरी के लिए बनाए हुए हैं और अपने मकसद में कामयाब भी हो रहे हैं।
बार-बार चोरी और रिपोर्ट
30 जून 2023 को खैरहा खदान के विद्युत एवं यांत्रिकी कार्यशाला में अज्ञात चोर कार्यशाला की पीछे की दीवाल तोड़ कर घुसे एवं कुछ कॉपर की पट्टियाँ, 03 नग,आईसोलेटर, 30 मीटर लाइटिंग केबल, 12 नग बुश बार पट्टियाँ एवं 02 नग लाइट फिटिंग जिसकी अनुमानित कीमत रु० 148380 है अज्ञात चोरों द्वारा चोरी कर लिया गया।इससे पहले भी इस इसी तरह से चोरी को अंजाम दिया गया था जिसकी रिपोर्ट थाना में दी गई थी। दिनांक 08/07/2023 को रात्री लगभग 2:00 बजे खैरहा भूमिगत खदान स्थित विद्युत एवं यांत्रिकी कार्यशाला में अज्ञात चोर कार्यशाला की पीछे की दीवाल तोड़ कर घुसे एवं कुछ तांबा तथा पीतल की
सामग्री, अज्ञात चोरों द्वारा चोरी कर लिया गया। इससे पहले भी इस प्रकार की घटना घटित हुई हैं तथा जिसकी सूचना थाने में दी जा चुकी है ।
प्रबंधन की भी मिलीभगत
सभी कोयला खदानों के साथ ही प्रमुख स्थानों पर सिक्योरिटी गार्ड की व्यवस्था होने के बाद भी अंडरग्राउंड खैरहा,तो कभी राजेंद्रा,और दामिनी खदान से कबाड़, केवल, कीमती कलपुर्जे की चोरी आए दिन हो रही है। चोरी का सिलसिला बदस्तूर जारी है | चोरी एवं अन्य आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए एसईसीएल एवं एरिया प्रबंधन द्वारा नियुक्त सिक्योरिटी अमला हाथी दांत साबित होते नजर आ रहा है क्योंकि सिक्योरिटी है तो जरूर लेकिन वह किसी काम की नहीं यही वजह है कि चोर बेखौफ चोरी कर रहे हैं और उन पर कोई अंकुश नहीं लग पा रहा है। कालरी की परिसंपत्तियों की सुरक्षा के लिए कंपनी द्वारा बाकायदे प्राइवेट कंपनी को सिक्योरिटी का ठेका दिया गया है जिसके गार्ड ड्यूटी का उपक्रम करते देखे जाते हैं। वह कैसे और क्या ड्यूटी करते हैं इसका प्रमाण खोजने की आवश्यकता इन वारदातों के मद्देनजर हरगिज़ नहीं है। इन सिक्योरिटी गार्ड और सुरक्षा एजेंसी की निगरानी के लिए एसईसीएल सोहागपुर एरिया मैनेजमेंट के अधिकारी बैठे हैं जो अपनी ड्यूटी के प्रति शायद ईमानदार नहीं हैं अथवा चोरों और उनके आकाओं के प्रति इन अधिकारियों का आगाध स्नेह ही माना जाएगा जिसके कारण इन गतिविधियों पर रोक नहीं लग पा रहे हैं या इसके लिए ईमानदारी से प्रयास ही नहीं किए जा रहे हैं।
दोहरा नुकसान
कोयला खदानों में आए दिन होने वाली चोरी की वारदात और उस पर नियंत्रण लगाने की दिशा में पुलिस और प्रबंधन के असफलता के चलते कंपनी को दोहरा नुकसान उठाना पड़ रहा है खदानों की सुरक्षा के लिए तैनात कालरी के सुरक्षा गार्ड, चोरी रोकने में नाकाम साबित हो रहे हैं। सोहागपुर एरिया के महाप्रबक,खदानों की सुरक्षा के नाम पर कंपनी लाखों रुपए की राशि सुरक्षा के नाम पर दी जाती है, लेकिन चोरी रुकने क नाम नहीं ले रही है। खान प्रबंधक को प्रतिदिन खदानों सुरक्षा व्यवस्था उत्पादन करने की वजह सबसे पहले चोरी की घटना को लेकर खदान को संचालित करने में एड़ी चोटी एक करना पड़ रहा है।
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