सेवानिवृत्त शिक्षक को दी गई भावभीनी विदाई
माध्यमिक शाला लफदा गुर्रा में थे पदस्थ
शहडोल। गुरु के बिना ज्ञान नहीं मिलता और एकमात्र गुरु ही वह हस्ती है जो पत्थर को अब तराश कर मूर्ति, यानी कंकर को शंकर बनाने की हैसियत रखता है। एक शिक्षक के रूप में शासकीय सेवा कार्य पूर्ण करने वाले ऐसे ही जनप्रिय शिक्षक हैं रमाशंकर मिश्र जिन्होंने पूरे जीवन काल में अनेक प्रतिभाओं सजाया और संवारा है। श्री मिश्रा की सेवानिवृत्ति पर उनके सम्मान में आयोजित विदाई समारोह में उपस्थित वक्ताओं ने उक्त आशय के उद्गार व्यक्त करते हुए उनसे प्रेरणा प्राप्त कर नई पीढ़ी को अधिक सशक्त और ऊर्जावान बनाने का संकल्प व्यक्त किया।
मध्यप्रदेश शासन जनजातीय विभाग के सहायक संचालक जे पी नापित, सहायक आयुक्त शहडोल के प्रतिनिधि के रूप में उपस्थित क्षेत्रीय संयोजक एम.एस. अंसारी, लालजी मिश्रा जिला अध्यक्ष शिक्षक संघ शहड़ोल, गोहपारु अध्यक्ष महेंद्र पाठक, महेश द्विवेदी,हरिहर प्रताप सिंह जिला कोषाध्यक्ष, विनोद सिंह , आर पी सिंह, चुहिरी संकुल के प्रभारी प्राचार्य अनिल द्विवेदी, की उपस्थिति आयोजित गरिमामय समारोह में वक्ताओं ने रमाशंकर मिश्रा के साथ सेवाकाल के दौरान बिताए गए पल्लू और उनके अनुभवों को साझा करते हुए उन्हें एक श्रेष्ठ शिक्षक बताया और उनसे बहुत कुछ सीखने की आवश्यकता पर जोर दिया।
संकुल गुर्रा अंतर्गत माध्यमिक पाठशाला लफ़दा में आयोजित कार्यक्रम सहायक आयुक्त कार्यालय से केके मिश्रा, गजेन्द्र मिश्रा संकुल के समस्त शिक्षकगण व श्री रमाशंकर के परिजनों के साथ ही अख्तर खान , वयोवृद्ध रिटायर्ड शिक्षक धनुषधारी प्रजापति , शिक्षक रामधनी सिंह तहसील अध्यक्ष गोहपारू शिक्षक संघ की उपस्थिति में सम्पन हुआ।
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