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बुधवार, 2 फ़रवरी 2022

लगी लाग छूटे नहीं होंठ जीभ जल जाए

- रवि करण त्रिपाठी अधिकार विहीन सीएमओ बने

- हाई कोर्ट द्वारा जारी स्टे के सम्मान में संयुक्त संचालक ने जारी किया आदेश


धनपुरी/शहडोल। "लगी लाग छूटे नहीं होठ जीभ जल जाए," उक्त कहावत को चरितार्थ करते हुए धनपुरी नगरपालिका के सीएमओ पद पर निलंबित अधिकारी रवि करण त्रिपाठी ने उच्च न्यायालय द्वारा जारी स्थगन आदेश के माध्यम से पुनः कब्जा कर लिया है। यह बात दीगर है कि इस बार संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा उच्च न्यायालय के आदेश का सम्मान करते हुए श्री त्रिपाठी को नौकरी पर तो बहाल कर दिया लेकिन प्रशासकीय एवं वित्तीय अधिकारों से वंचित कर दिया है। सीएमओ रवि करण त्रिपाठी की बहाली पर इस बार मैं तो चौराहे पर आतिशबाजी हुई और ना ही मिठाइयों का वितरण किया गया फिर भी उनके चाहने वालों में खुशी की झलक तो देखते ही बनती है।

धनपुरी नगरपालिका इन दिनों सीएमओ की कुर्सी को लेकर राजनीति का अखाड़ा बनकर रह गई है। बकू नगर पंचायत परिषद में कर्मचारियों की भर्ती के मामले को लेकर निलंबित सीएमओ रविकरण त्रिपाठी तीसरी बार वापसी करने में सफल हुए हैं उच्च न्यायालय का द्वार खटखटाया जाने पर न्यायालय ने उन्हें स्थगन आदेश तो प्रदान किया लेकिन ऐसा लगता है कि विभागीय वरिष्ठ अधिकारी और जिला प्रशासन भी उन्हें जानबूझकर वाक ओवर देते रहे हैं यही वजह है कि सीएमओ के निलंबित होने के बाद भी रिक्त पद पर किसी पूर्णकालिक सीएमओ की पदस्थापना के आदेश नहीं दिए गए और रवि करण त्रिपाठी को इस बात का भरपूर अवसर दिया जाता रहा कि वह न्यायालय की शरण में जाकर स्थगन आदेश ले आए और फिर से वही खेल शुरू करें जो वर्षों से करते आ रहे हैं।

कोयला नगरी धनपुरी के विकास के नाम पर शासन प्रशासन द्वारा अब तक करोड़ों रुपए खर्च किए गए लेकिन वास्तव में जनाब दीक्षित विकास नहीं हुआ बल्कि लोगों की जुबान पर भरोसा किया जाए तो सरकारी धन राशि की जमकर होली खेली गई और अधिकारी कर्मचारियों के साथ ही कतिपय नेताओं की जेब भरने से अधिक कुछ नहीं हो सका है।

संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास आरती सोनी द्वारा दिनांक 31 जनवरी 2022 को जारी आदेश में इस बात का स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि माननीय उच्च न्यायालय द्वारा जारी स्थगन आदेश के परिपालन में सीएमओ रवि करण त्रिपाठी को बहाल किया जाता है किंतु आगामी आदेश तक उन्हें प्रशासकीय एवं वित्तीय अधिकारों से वंचित रखा जाएगा। स्थानीय नागरिकों एवं जनप्रतिनिधियों में उक्त आदेश पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि इतने बार हटाए जाने और अपमानित होने के बाद भी रवि करण त्रिपाठी धनपुरी सीएमओ के पद का मुंह क्यों नहीं त्याग पा रहे हैं यह आमजन की समझ से परे है।

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