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गुरुवार, 7 मार्च 2024

दारू जब ले लेगी जान, तब एक्शन लेंगे श्रीमान

शराब ठेकेदारों की अंध भक्ति में क्यों लीन हुआ आबकारी विभाग 

 आखिर कहां से आई एक्सपायरी डेट की बीयर 

शिकायत पर कार्रवाई में हीला-हवाली

 कालातीत शराब विक्रय मामले में आबकारी अधिकारी का गैरजिम्मेदाराना बयान

" एक्सपायरी डेट वाली यानी कालातीत, विषाक्त, मिलावटी, या किसी अन्य प्रकार से नुकसान दायक मदिरा के सेवन से यदि कोई बीमार हो जाए, उसे स्थायी विकलांगता का शिकार होना पड़े अथवा अन्य कोई बड़ी गंभीर क्षति हो जाए तो भी आबकारी अधिकारी और उनका विभाग कोई कार्यवाही नहीं करेंगे जब तक कि कोई जनहानि न हो, अर्थात यदि नियम-कानून की धज्जियां उड़ा रहे शराब ठेकेदार के विरुद्ध  नियमानुसार कार्यवाही कराना है तो किसी न किसी को मरना होगा? जिला आबकारी अधीक्षक शहडोल द्वारा कथित तौर पर दिए गए  बयान से तो यही साबित होता है। "

(अनिल द्विवेदी 7000295641)
शहडोल। जिले के बुढार नगर में संचालित मदिरा दुकान से कालातीत यानी एक्सपायरी डेट वाले शराब की बिक्री किए जाने की खबर शहर व जिले में जंगल के आग की भांति फैली। इस मामले में जहां एक और आबकारी उप निरीक्षक सुनील सिंह और ठेकेदार व मैनेजर ने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने का प्रयास किया वहीं दूसरी ओर जिला आबकारी अधिकारी ने ऐसा गैर जिम्मेदाराना बयान दे दिया जो अब लोगों के बीच आश्चर्य और चर्चा का विषय बना हुआ है। उनके इस बयान ने आबकारी ठेकेदारों के प्रति अधिकारी और अधीनस्थ अमले की अंध भक्ति को भी उजागर किया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बुढार नगर में लाइसेंसी ठेकेदार द्वारा अपनी दुकान के माध्यम से एक्सपायरी डेट की बीयर की बोतल बुधवार को बेची गई, जिसकी खबर बियर खरीदने वालों से होते हुए शहर व जिले में बड़ी तेजी के साथ फैली। मामले की भनक मीडिया के लोगों को भी लगी और उन्होंने इस मामले की पड़ताल कर तह तक जाने का प्रयास किया। मीडिया ने जब ठेकेदार के दुकान में मौजूद मैनेजर सुनील सिंह से बात की तो वह ऊटपटांग जवाब देते नजर आए जबकि बुढार क्षेत्र के प्रभारी आबकारी उप निरीक्षक सुनील सिंह ने मुख्यालय से बाहर होने का बहाना बनाते हुए मामले से पल्ला झाड़ लिया।
मामला गंभीर होने का एहसास करते हुए मीडिया के लोगों ने आबकारी अधिकारी सतीश कश्यप से इस बारे में चर्चा की तो उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि उन्हें ऐसी कोई जानकारी नहीं है, अभी तक मामला उनके पास नहीं आया है। पुरानी शराब से यदि कोई जनहानि होगी तो ठेकेदार के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी। उनके इस बयान से स्पष्ट झलकता है कि यदि किसी की जान नहीं जाती है या जन हानि नहीं होती है तो कितनी भी बड़ी आपदा आ जाए, कोई भी घटना दुर्घटना हो जाए आबकारी विभाग अपने लाइसेंसी ठेकेदार या उनके गुर्गों के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं करेगा। समाचार पत्रों में आबकारी अधीक्षक के इस गैर जिम्मेदाराना बयान के प्रकाशित होने के बाद लोगों के बीच से यह सवाल बार-बार उठ रहा है कि आबकारी अधिकारी शासन की नौकरी कर रहे हैं या शराब ठेकेदार की, आखिर इतनी अंधभक्त की वजह क्या है?
शहडोल जिले में पदस्थ आबकारी अधिकारी और उनके अधीनस्थ अमले की शराब ठेकेदारों के प्रति अंध श्रद्धा भक्ति हालांकि किसी से छिपी हुई नहीं है पूरे जिले में गांव-गांव, गली-गली चल रही पैकारियां और उनमें परोसी जा रही अवैध शराब इस बात के स्पष्ट संकेत देते हैं कि जिले का आबकारी अमला अपने मूल कर्तव्यों के प्रति कितना ईमानदार है लेकिन अभी तक सिर्फ गतिविधियों को देखकर अनुमान ही लगाए जा रहे थे। अधिकारी द्वारा बुढ़ार में एक्सपायरी डेट की शराब या बीयर की बिक्री के मामले में दिए गए उक्त कथित बयान ने लोगों की उस आशंका को ठोस आधार प्रदान करने का कार्य किया है जिसमें यह कहा जाता है कि ठेकेदारों ने आबकारी अमले को चंद सिक्कों के दम पर अपना बना लिया है।
गरीबों के लिए शेर...
मध्य प्रदेश शान द्वारा नियमानुसार मदिरा विक्रय सुनिश्चित करने के लिए गठित आबकारी विभाग का मैदानी अमला और उनके अधिकारी अवैध शराब के विक्रय और कारोबार को रोकने के लिए भी उत्तरदायी हैं। उनके द्वारा अवैध शराब के कारोबार को रोकने के नाम पर सिर्फ गरीब आदिवासी परिवारों पर ही नाम मात्र की कार्यवाही की जाती है। कभी इस गांव तो कभी उसे गांव में छापा मार कर अवैध कच्ची शराब पकड़ना और अपनी पीठ खुद थपथपाना विभाग की आदत में शुमार है। विभागीय अमले द्वारा कभी किसी ठेकेदार की अवैध रूप से चल रही पैकारी पर छापा मारने का साहस नहीं दिखाया गया और अवैध रूप से बिक रही अंग्रेजी शराब, बीयर जो यत्र तत्र सर्वत्र उपलब्ध है पर कभी नजर नहीं पड़ती है। गरीबों के लिए शेर और ठेकेदारों के सामने ढेर हो चुके आबकारी विभाग के अमले को शासन प्रशासन कब कर्तव्य बोध कराएगा और देसी विदेशी मदिरा के अवैध कारोबार पर कब अंकुश लगेगा यह सवाल आम आदमी की जुबान पर है जिसका जवाब शायद किसी के पास नहीं है।
आखिर आई कहां से अमानक मदिरा
सामान्य जानकारी और सरकारी नियमों के मुताबिक लाइसेंसी शराब दुकान में देसी विदेशी मदिरा की आपूर्ति आबकारी विभाग द्वारा की जाती है, इसका अर्थ यह हुआ की एक्सपायरी डेट की बियर या शराब आबकारी विभाग द्वारा सप्लाई की गई। सवाल यह उठता है कि आबकारी विभाग में बैठे जिम्मेदार अधिकारी ऐसा क्यों करेंगे, क्या इस प्रकार की घटिया कालातीत अथवा मिलावटी मदिरा की आपूर्ति के आवाज में उन्हें कुछ अतिरिक्त आए हो रही है?  यदि हां तो क्या उनके द्वारा अपने विभाग और कर्तव्य से बेईमानी नहीं की जाती और यदि नहीं तो क्यों उपभोक्ता के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं? सवाल यह भी उठता है कि यह शराब आई कहां से किसने दुकान में रखवा कर उक्त मदिरा की बिक्री के जरिए जनजीवन के साथ  खिलवाड़ का दुषप्रयास किया और क्या ऐसे व्यक्ति के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज कर उचित कार्रवाई नही की जानी चाहिए।
फोन रिसीव करने से गुरेज
आबकारी अधिकारी सतीश कश्यप और उनके माता-फट अधिकारी कर्मचारी किसी भी मामले में जानकारी की आवश्यकता होने पर फोन रिसीव करने में विशेष तौर पर गुरेज करते हैं बुढार की अंग्रेजी शराब दुकान से एक्सपायरी डेट की बियर बेचे जाने के मामले में भी आबकारी अधिकारी के मोबाइल फोन पर कॉल किया गया लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया इसी प्रकार बुढ़ार में पदस्थ उपनिरीक्षक सुनील सिंह उर्फ डब्बू को भी कॉल किया गया लेकिन उन्होंने भी कॉल रिसीव नहीं किया बाद में दोबारा कॉल करने पर फोन तो उठाया लेकिन यह कहकर मामले से पल्ला झाड़ लिया क्यों वह शादी के कार्यक्रम में बाहर में मुख्यालय में नहीं है।
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