एसईसीएल ठेकेदार द्वारा श्रमिकों का शोषण

चवन्नी मजदूरी में रुपए का काम
सिविल विभाग की मेहरबानी पर ठेकेदार की मनमानी
[अनिल द्विवेदी]
शहडोल /धनपुरी। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड द्वारा सोहागपुर कोयलांचल स्थित विभिन्न कोयला खदानों में विद्युत सप्लाई एवं मेंटेनेंस का ठेका मैसर्स आरपी जायसवाल नामक फर्म को दिया गया है। उक्त ठेकेदार द्वारा काम पर लगाए गए कुशल,  अकुशल और अर्ध कुशल श्रमिकों को आधे से भी कम मजदूरी राशि का भुगतान कर उनका शोषण किया जा रहा है यदि कोई श्रमिक कर्मचारी ठेकेदार की मनमानी का विरोध करने का साहस जुटाता है तो उसे तत्काल नौकरी से बर्खास्त कर दिया जाता है जिसके कारण कोई भी विरोध नहीं कर पा रहा है। पूरे मामले की जानकारी प्रथम नियोक्ता स्टाफ ऑफीसर सिविल डिपार्टमेंट एसईसीएल सोहागपुर एरिया को भी भली-भांति है लेकिन उक्त अधिकारी ने आंख में पट्टी बांध कर कानों में रुई डाल रखी है जिसके कारण श्रमिकों के साथ अन्याय पर अंकुश नहीं लग पा रहा है।
पिस रहे मजदूर 
 प्राप्त जानकारी के अनुसार ठेकेदार कंपनी द्वारा अकेले शारदा ओसीएम का ठेका 40 लाखों रुपए में लिया गया है जिसमें जरूरत  के अनुसार 15 फ़ीसदी का इजाफा भी किया जा सकता है यानि लगभग ₹46 लाख रुपए के इस कार्य में जो विशुद्ध रूप से कार्य करने वाले मजदूरों के लिए राशि है उसे स्वयं हड़प कर 25 फ़ीसदी मजदूरी राशि का भुगतान ही किया जा रहा है और गरीबी व बेरोजगारी के मारे डिप्लोमाधारी कुशल, अकुशल मजदूर ना चाहते हुए भी किसने को मजबूर हैं। 
निवाले पर डाका
बताया जाता है कि सोहागपुर कोयलांचल की सभी कोयला खदानों में 32 केवी या अन्य विद्युत लाइनों के मेंटेनेंस और विद्युत आपूर्ति की सुनिश्चितता के लिए एसईसीएल द्वारा निजी ठेका कंपनियों अथवा ठेकेदारों को दायित्व सौंपा गया है और उसके लिए एस्टीमेट कास्ट के आधार पर राशि भी आवंटित की गई है। ठेकेदारों द्वारा ठेका प्राप्त करने के होड़ के चलते कम दर पर ठेका तो ले लिया जाता है और उसके बाद अपनी जेबे भरने के लिए गरीब मजदूरों के निवाले पर सरेआम डाका डाला जा रहा है जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण सोहागपुर एरिया की कोयला खदानों में कार्य कर रहे ठेकेदार आरती जयसवाल एंड कंपनी के रूप में देखा जा सकता है।
चवन्नी मजदूरी
चवन्नी मजदूरी पर काम एचपीसीएल द्वारा विभिन्न कोयला खदानों में विद्युत आपूर्ति एवं मेंटेनेंस कार्य के लिए ठीक का जारी करने के साथ ही ठेकेदारों के अंदर में कार्य करने वाले कुशल अकुशल और अर्थ कुशल श्रमिकों की दैनिक मजदूरी का निर्धारण भी किया गया है जिसके अनुसार एक कुशल श्रमिक को 1 दिन में ₹1092 मजदूरी मिलनी चाहिए इसी प्रकार आप कुशल और अकुशल श्रमिकों की मजदूरी भी एचटीसी रेट कार्ड में जारी की गई है लेकिन वास्तविकता यह है कि ठेकेदार आरती जैस्वाल द्वारा इन कुशल कुशल अथवा अर्ध कुशल मजदूरों को 200 से ढाई सौ रुपए मजदूरी का ही भुगतान किया जा रहा है जो निर्धारित मजदूरी का लगभग 25 फ़ीसदी यानी रुपए में चवन्नी की मजदूरी ही है भुगतान किया जाता है। 75 फ़ीसदी मजदूरी की राशि ठेकेदार द्वारा स्वयं हारती जा रही है और मजदूरों को बिना समुचित सुरक्षा किट अथवा अन्य साधनों के काम पर झोंक कर उनकी जिंदगी के साथ भी खिलवाड़ किया जा रहा है। 
 सिविल विभाग की चुप्पी
महत्व पूर्ण सत्य है कि यह पूरा गोरख धंधा और शोषण का कारोबार सिविल विभाग के अधिकारी कर्मचारियों की नाक के नीचे चल रहा है जो प्रत्यक्ष तौर पर इन कार्यरत ठेका श्रमिकों के प्रथम नियुक्त कहलाते हैं स्टाफ ऑफिसर सिविल डिपार्टमेंट एसईसीएल सोहागपुर एरिया द्वारा इन कर्मचारियों की दुरावस्था को जानबूझकर नजरअंदाज किया जाता रहा है इसकी मुख्य वजह यह है कि ठेकेदार द्वारा सिविल विभाग के अधिकारी एवं अन्य जिम्मेदार कर्मचारियों को समय-समय पर सुविधा शुल्क से उपकृत किया जाता है और इस अतिरिक्त कमाई के लोभ के कारण सिविल विभाग का हमला जानबूझकर मामले से पल्ला झाड़ लेता है जिसका खामियाजा गरीब बेरोजगार मजदूरों को भुगतना पड़ रहा है।
मुखिया पर आंच
सोहागपुर कोयलांचल में चल रही मनमानी और मजदूरों के शोषण के इस गोरखधंधे की जानकारी एरिया के मुख्य महाप्रबंधक को ना हो यह संभव नहीं है और यदि वास्तव में उनको यह जानकारी नहीं मिल पा रही है तो इसे उनकी क्षमता का प्रमाण ही माना जा सकता है स्थानीय श्रमिक संगठनों के पदाधिकारियों नागरिकों एवं पीड़ित मजदूरों के परिजनों ने मुख्य महाप्रबंधक सुहागपुर एरिया का ध्यान आकृष्ट कराते हुए ठेका श्रमिकों के साथ हो रहे अन्याय और शोषण पर तत्काल रोक लगाकर उन्हें निर्धारित दर पर मजदूरी का भुगतान कराए जाने की मांग की गई है।

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