कबाड़ साम्राज्य में सत्ता संघर्ष के आसार - Blitztoday

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गुरुवार, 14 मार्च 2024

कबाड़ साम्राज्य में सत्ता संघर्ष के आसार

कबाड़ कारोबारी यादवेन्द्र ने लगाए गंभीर आरोप, बड्डे जैन ने नकारा

" शहर व जिले में कबाड़ का अवैध कारोबार बेखौफ होकर चलाया जा रहा है। पिछले कई वर्षों से आपसी तालमेल पर चल रहे इस कारोबार में अब वर्चस्व की जंग के आसार नजर आने लगे हैं। हाल ही में यादवेंद्र सराफ नमक कबाड़ कारोबारी ने बुढार के बड़े कबाड़ कारोबारी बड्डे जैन पर झूठे आपराधिक मामले में फंसा देने अथवा हत्या करवा देने की धमकी देने का आरोप लगाया है। इसके पूर्व अक्टूबर के महीने में मोहसिन नामक कबाड़ कारोबारी द्वारा जिले के छोटे-मोटे कबाड़ कारोबारियों को धमकी दिए जाने का ऑडियो वायरल हो चुका है। यह दोनों ही घटनाएं कबाड़ के अवैध कारोबार की दुनिया में वर्चस्व की जंग शुरू होने का संकेत दे रही है जो आगे चलकर विकराल रूप भी धारण कर सकती है। हालांकि बड्डे जैन ने आरोपों सिरे से नकारा है लेकिन यदि कोई व्यापारी आरोप लगा रहा है तो बिना जांच के उस पर विश्वास अथवा विश्वास भी कैसे किया जा सकता है। 

(अनिल द्विवेदी 7000295641)
शहडोल। संभाग मुख्यालय में पुरानी गाड़ी खरीदने-बेचने का कार्य करने वाले कथित कबाड़ कारोबारी यादवेन्द्र सराफ ने बुढार के कबाड़ कारोबारी सुमंत जैन उर्फ बड्डे जैन पर फोन के माध्यम से गांजा के झूठे प्रकरण में फंसा देने अथवा जान से मरवा देने की धमकी का आरोप लगाते हुए उकतासे का एक आवेदन पत्र कलेक्टर शहडोल को सौप है और उक्त धमकी देने वाले कबाड़ कारोबारी के विरुद्ध सख्त कार्यवाही किए जाने की मांग की है।
यह है आरोप
शिकायतकर्ता ने अपने आवेदन पत्र में उल्लेख किया है कि मेरा ट्रेक्टर ट्राली बनाने का वर्कशॉप है। उसी से हमारा जीवनयापन होता है दिनांक 12 मार्च को फोन नम्बर- 7000491576 द्वारा मेरे मोबाईल में राजीव सिंह का फोन आया उक्त फोन में सुमंत जैन उर्फ बड्डे जैन (कबाडी बुढ़ार) भी बात किया। बड्डे जैन बोल रहा था कि तुम शहडोल में जो भी काम करोगे मेरे बिना अनुमति के कोई काम नहीं करोगे क्यों कि पुलिस को मैं मन्थली पूरे पुलिस वालों को पैसा देता हूँ। पूरे जिले का ठेका मेरा है, माल मेरे रेट में मेरेको दोगे पुलिस खर्चा बहुत आता है।
अगर आज से किसी को भी पुराना माल सामान दिया तो मैं गांजा के केस में फंसा दूंगा अथवा हत्या भी करवा दूंगा। शिकायत कर्ता ने आवेदन में कहा है कि मैं बहुत डरा सहमा हूँ। उक्त फोन नम्बर की जाँच करवाने की कृपा की जाये जिससे मुझे न्याय मिल सके तथा उनके उपर कड़ी कार्यवाही करने की कृपा की जाये।
झूठ आधारित शिकायत
शिकायतकर्ता यादवेंद्र सराफ द्वारा की गई शिकायत के संबंध में आरोपी  कबाड़ व्यवसायी सुमंत  उर्फ बड्डे जैन से इस संबंध में चर्चा की गई तो जैन ने बताया कि यह शिकायत पूर्णतया झूठ पर आधारित है और उस पर जबरिया मन गढ़ंत आरोप लगाए गए हैं। बड्डे जैन का कहना है कि पिछले 15 सालों से वह यह व्यवसाय कर रहा है और आज तक कभी किसी पर भी उसने माल देने या ना देने के संबंध में दबाव नहीं डाला है। यादवेंद्र से भी इस संबंध में उसकी कोई बात नहीं हुई जो भी बात हुई है वह दुकान में काम करने वाले मुंशी के साथ हुई थी लेकिन उसमें भी ऐसी कोई बात नहीं हुई, सिर्फ व्यावसायिक बातें हुई है जिनका कॉल रिकॉर्ड भी उपलब्ध है। वास्तविकता यह है कि यादवेंद्र सराफ द्वारा अपने माल की कीमत ज्यादा मांगी जा रही थी जिसे उनके मुंशी ने अस्वीकार कर दिया इसी बात को लेकर खुन्नस खाए शिकायत कर्ता द्वारा जिला व पुलिस प्रशासन को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है जबकि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है।
बादशाहत की जंग
शहडोल जिले में चल रहे काले कारोबार कबाड़ के साम्राज्य की बादशाहत को लेकर जंग भीतरी तौर पर काफी पहले ही शुरू हो चुकी है। शहर के मुख्य कबाड़ी अनीस के जेल जाने के बाद उसके भाई मोहसिन द्वारा कुछ महीने पहले अपने आप को कबाड़ साम्राज्य का बेताज बादशाह घोषित करते हुए छोटे-मोटे कबाड़ कारोबारियों को अक्टूबर महीने के बाद कारोबार न करने संबंधी नसीहत दी गई थी, जिसका ऑडियो भी उन दिनों खूब वायरल हुआ और यह माना जाने लगा था की रहीम कबाड़ी के जिला बदर की प्रक्रिया चूंकि जिला प्रशासन के विचाराधीन है जो कभी भी कार्य रूप में परिणित हो सकता है ऐसी स्थिति में रहीम के स्थान पर मोहसिन कबाड़ साम्राज्य का बेताज बादशाह बन सकता है। हालांकि यह संभाग मुख्यालय की बात है जहां तक कारोबार की बात है बुढार में कारोबार कर रहे बड्डे जैन की कथित बादशाहत अपनी जगह कायम है और इसी बादशाहत की जंग का एक हिस्सा यादवेंद्र सराफ की शिकायत को भी माना जा रहा है।
बेखौफ जारी कारोबार
संभाग मुख्यालय सहित जिला व पूरे संभाग में कबाड़ का अवैध कारोबार बड़ी तेजी के साथ फल फूल रहा और बड़ा रूप धारण कर रहा है। इन कबाड़ कारोबारियों द्वारा एसईसीएल और रेलवे के बेस कीमती कबाड़ का भी कथित तौर पर अवैध कारोबार  बेखौफ होकर किया जा रहा है। इन कारोबारियों की निर्भयता का मुख्य आधार स्थानीय पुलिस थानों में तैनात सेटिंगबाजों से प्राप्त संरक्षण को माना जाता है। ऐसा नहीं है कि पुलिस द्वारा कबाड़ के अवैध कारोबार को रोकने और अवैध परिवहन में लगे वाहनों की जपती की कार्यवाही नहीं की जाती आए दिन कबाड़ से लदी गाड़ियां पुलिस के कब्जे में आती है कबाड़ भी पकड़ा जाता है वहां भी पकड़ा जाता है लेकिन कभी भी कारोबारी का नाम सामने नहीं आता माल पकड़े जाने के बाद भी अवैध कारोबारी का नाम उजागर न होना अथवा उन पर कार्यवाही ना होना इस आसन का को ठोस आधार प्रदान करता है कि जो भी अवैध कारोबार चल रहा है उसमें स्थानीय थाना पुलिस का भरपूर संरक्षण प्राप्त हो रहा है।
जिला व संभाग की तो बात ही और संभाग मुख्यालय में ही कई कबाड़ के ठीहे संचालित हैं जो आए दिन लाखों रुपए मूल्य का कबाड़ लोकल बड़े व्यापारियों के साथ ही जबलपुर भी भेजते हैं, और अच्छी खासी कमाई भी कर रहे हैं। सवाल यह उठता है कि इतना लोहा या कबाड़ आता कहां से है। सूत्रों की माने तो छोटे-मोटे कबाड़ियों द्वारा कालरी और रेलवे के यहां वहां पड़े लोहे के सामानों को पार कर कबाड़ियों के हवाले कर दिया जाता है, जिसका वह बेखौफ होकर कारोबार कर रहे हैं। अवैध कबाड़ से लदी गाड़ियां पकड़े जाने के बाद भी कारोबारियों के न पकड़े जाने अथवा उनका नाम उजागर ना हो पाने के कारण यह अवैध कारोबार बड़ी तेजी के साथ फल फूल रहा है साथ ही अब इस कारोबार से जुड़े लोगों में के बीच वर्चस्व की जंग भी शुरू हो रही है। यदि यही आलम रहा तो निकट भविष्य में किसी बड़ी और गंभीर घटना की आशंका को नहीं नकारा जा सकता है।
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