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मंगलवार, 30 जनवरी 2024

फरहत है जहां, अवैध उत्खनन वहां...

 महोबला में महाकाल का भौकाल, करकटी की ईटीपी पर निकल रहा माल

एसडीएम की अगुवाई मे पुलिस टीम के पहुंचते ही हाईवा, मशीनें गायब

  "खदान का आवंटन तो हुआ लेकिन औपचारिकताएं पूरी न होने के कारण खदानों पर उत्खनन का अधिकार और एनजीटी से पर्यावरणीय स्वीकृति मिलना अभी भी शेष है, बावजूद इसके महाकाल मिनरल्स नामक कंपनी द्वारा बिना अनुमति के ही रेत का खनन अवैध रूप से आरंभ कर  दिया गया। ठेका कंपनी की इस निर्भयता और जल्दबाजी का एक मुख्य कारण यह माना जा रहा है कि खनिज विभाग से कंपनी के कर्ताधर्ताओं की सेटिंग हो चुकी है। विधि सम्मत स्वीकृति भले ही ना मिली हो मौखिक सहमति मिल जाने मात्र से कंपनी ने करकटी खदान की ईटीपी लगाकर महोबला खदान से रेत खनन कर बाहर भेजना शुरू कर दिया। जहां तक खनिज विभाग की सेटिंग का सवाल है, यह कहावत पुरानी हो चुकी है कि- फरहत है जहां, अवैध उत्खनन वहां...। ठेका कंपनी ने स्थानीय पुलिस से भी सेटिंग  बना ली थी लेकिन बीती रात गुड़ का गोबर हो गया और मानपुर थाने में पदस्थ उपनिरीक्षक विजय कुमार सेन नप गए।"


(अनिल द्विवेदी 7000295641)

उमरिया/शहडोल। रेत उत्खनन के नाम पर नदियों को माफिया और खनन कंपनियों के सुपुर्द कर दिया गया है। मोटी रकम देकर रेत खदानों का ठेका लेने वाले बाबा महाकाल मिनरल्स प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी मोटी कमाई के फेर में नदियों का इस कदर दोहन कर रहे हैं कि इनका अस्तित्व ही संकट में आ गया है। जिसे लेकर एनजीटी, खनिज व राजस्व अमला मूक दर्शक बनकर रह गया है। नदियों के सीने को मशीनों के पंजों से खरोंचा जा रहा है और इसकी धार को भारी-भरकम हाइवा रौंद रहे हैं। बड़ी-बड़ी मशीनें लगातार दिन-रात रेत का उत्खनन किया जा रहा है। रेत निकालने के लिए ठेकेदार ने सभी नियम व शर्तों को ताक पर रख दिया है। माफिया भी बेरोक-टोक खनन के बाद हैवी वाहनों से परिवहन कर रहे हैं।
पलक झपकते गायब
प्राप्त जानकारी के अनुसार शिकायत मिलने पर बीती रात्रि एसडीम कमलेश पुरी ने कलेक्टर के निर्देश पर तीन थानों के भारी भरकम पुलिस बल के साथ महोबला रेत खदान का आधी रात दौरा किया। पुलिस और प्रशासन की टीम के मौके पर पहुंचने के पहले ही सेटिंग बाजों को पुलिस और प्रशासन के बीच छिपे शोहदों से छापामारी की भनक लग गई और देखते ही देखते भारी भरकम मशीनें तथा दर्जनों की तादाद में मौजूद खाली और भरे हुए हाईवा ट्रक गायब हो गए। एसडीम कमलेश पुरी और उनकी टीम ने मौके पर जाकर मुआयना किया उससे यह तो साबित हुआ कि रेत का अवैध उत्खनन एवं परिवहन जारी है लेकिन ना तो वहां कोई व्यक्ति अथवा कोई वाहन नहीं मिला जिसके कारण धंधेबाजों की शिनाख्त नहीं हुई और कोई कार्यवाही नहीं हो सकी।
कायदों का कत्लेआम
रेत खनन कारोबारियों ने नदियों में ताडंव मचा रखा है, शहडोल और उमरिया जिला की सीमा पर स्थित बल्हौड़ से सटे क्षेत्र में हैवी मशीनें लगाकर रेत का खनन करा रहे हैं। इतना ही नहीं नदियों के भीतर लंबी सडक़ भी बना ली है। नदियों की बीच गहराई तक रेत खनन हो रहा है। इसके साथ ही नदी में पहाड़ की तरह रैंप भी बना दिए हैं। खदान में नदी की धारा में अवैध खनन कर रेत निकाल रहे हैं। महोबला से रेत खदान से ठेका कंपनी रेत निकाल रही है और  करकटी की ईटीपी थमाई जा रही है, महोबला रेत खदान को पर्यावरण स्वीकृत न मिलने के चलते कायदों के अनुसार वहां से उत्खनन करने की अनुमति नहीं है, लेकिन ठेका कंपनी द्वारा कानून कायदों का कत्लेआम करते हुए नदी का सीना छलनी किया जा रहा है।
ठेंगे पर एनजीटी 
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश की अगर बात करे तो उन्हें केवल सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक ही रेत उत्खनन करने का आदेश दिया गया है, जिसके लिए बाकायदा पिटपास भी जारी किए जाते है, लेकिन इस नियम को ठेंगा दिखाकर रात के अंधेरे में महोबला खदान का सीना चीरकर रेत निकाली जा रही है, मजे की बात तो यह है कि अभी तक मुहबोला रेत खदान को पर्यावरण की स्वीकृति नहीं मिली है, लेकिन खनिज विभाग से सांठ-गांठ कर ठेका कंपनी ने नदी में विशालकाय दानव उतार दिये हैं, जो दिन-रात नदी का दोहन कर रहे हैं। हालाकि कहा जाता है कि जिन खदानों की स्वीकृति मिल भी गई है, वहां भी ठेका कंपनी द्वारा दी गई लीज के चिन्हाकित क्षेत्रों में खुदाई कर रेत नहीं निकाली जा रही है, विधिवत अगर विभागीय जांच की जाए तो, ठेका कंपनी द्वारा चिन्हांकित जगहों से भी हटकर खुदाई कर अवैध रेत निकाला जा रहा है।
करकटी की टीपी से परिवहन
जिले में अवैध रेत उत्खनन का काला धंधा बढ़ता ही जा रहा है और प्रशासन इस पर रोक लगाने में नाकाम साबित हो रहा है, सोननदी पर बाबा महाकाल मिनरल्स प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा रेत उत्खनन का ठेका लिया गया है। जिसका काम 25 जनवरी से शुरू भी कर दिया गया है, लेकिन वैध खदान में खुलेआम अवैध काम किया जा रहा है, मानपुर तहसील के बलौंढ में सोन नदी के महोबला खदान से रेत ठेका कंपनी द्वारा निकाली जा रही है, लेकिन ईटीपी पाली तहसील के करकटी खदान से जारी हो रही है, 28 जनवरी को सोननदी के मुंहबोला खदान से ट्रक क्र- एमपी 18 एचए 3303 में रेत लोड की गई पर टीपी क्रमांक-4532528980, पाली तहसील के करकटी खदान की दी गई। सूत्रों की माने तो बाबा महाकाल मिनिरल्स प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी और कई खदानों का संचालन करती है। खनिज संपदा का भरपूर दोहन कर कंपनी रायल्टी के नाम पर मनमानी करते हुए शासन को चूना लगाने का काम कर रही है।
ऐसे कर रहे अलग खेल
रेत ठेका कंपनी द्वारा ऊंचे दामों पर दूरदराज जिलों में रेत बेच रहे हैं, ऐसा नहीं हो सकता कि इतनी बड़ी तस्करी की खबर सरकारी तंत्र को ना हो, बिना सरकारी संरक्षण के यह कारोबार चलाना मुमकिन नहीं है, मुख्य मार्ग से बिना जांच के फर्राटे भरने वाले वाहनों पर कार्रवाही नहीं होने से प्रशासन और पुलिस की साख पर प्रश्नचिन्ह लग रहा है, मोहबला रेत खदान में नदी की धार के साथ छेड़छाड़ ठेका कंपनी द्वारा की गई है, सबसे बड़ा पहलू यह है कि जब ईटीपी सतना के लिए जारी हो रही है तो, रेत आखिर नौगाद कैसे पहुंच रही है, जबकि सतना से नागौद की दूरी 40 किलोमीटर है। ठेका कंपनी द्वारा किये जा रहे अवैध कृत्य के चलते प्रशासन की छवि धूमिल हो रही है, लेकिन इससे ठेका कंपनी का अवैध कृत्य के लिए मनोबल मजबूत हो रहा है।


नप गए प्रभारी
प्राप्त जानकारी के अनुसार बीती रात्रि जब प्रशासन और पुलिस की टीम ने महोबला खदान में छापामारी की और वहां से रेत के अवैध उत्खनन व परिवहन की पुष्टि हुई तो उसके साथ ही तत्समय मानपुर थाना प्रभारी विजय कुमार सेन की सेटिंग का मामला वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में आया। निचले स्तर पर रेत ठेका कंपनी के साथ पुलिस की सेटिंग का मामला सामने आने पर पुलिस अधीक्षक द्वारा विजय कुमार सेन नामक उपनिरीक्षक को तत्काल लाइन अटैच करने के आदेश दे दिए गए। उक्त चौकी प्रभारी के लाइन अटैच हो जाने के बाद शहडोल से सुभाष दुबे को थाना प्रभारी बनाकर भेजा गया है जो इस बात का खुला प्रमाण है कि मानपुर थाना प्रभारी भी रेत के इस अवैध कारोबार को संरक्षण देने में शामिल रहे हैं जिसके कारण एडीजीपी शहडोल डीसी सागर द्वारा सुभाष दुबे को मानपुर थाने का दायित्व सौंपा गया है ताकि पुलिस की छवि पर लग रहे दाग और क्षेत्र में बढ़ रही आपराधिक गतिविधियों पर कारगर अंकुश लगाया जा सके।
इनका कहना है...
बीती रात्रि पुलिस बल के साथ महोबाला रेट खदान का निरीक्षण किया गया मौके पर कोई मशीन या वहां तो नहीं मिले लेकिन उठाने रेट काफी मात्रा में जरूर पाई गई साथ ही मशीन और बड़े ट्रैकों के पहियों के निशान भी देखे गए जिससे यह साबित होता है कि महोवाला में रेत का उत्खनन किया जा रहा था मौके पर मौजूद रेट की जपती एवं आवश्यक कानूनी कार्यवाही के लिए खनिज विभाग को निर्देशित किया गया है दिन के समय वह आवश्यक कार्यवाही जरूर करेंगे।
कमलेश पुरी, एसडीएम
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