नवगठित नगर पंचायत बकहो में कर्मचारियों की भर्ती और संविलियन मामले में कार्यवाही
संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास द्वारा जारी आदेश में रिकवरी भी निकली
" संपूर्ण सेवा कल के दौरान कभी न्यायालय के दम पर तो कभी जुगाड़ टेक्नोलॉजी के दम पर मूलत: निम्न पद पदस्थ रहकर भी अधिकारी के पद का दायित्व संभालते रहने वाले दबंग और चर्चित प्रभारी सीएमओ रवि करण त्रिपाठी को विभागीय जांच में दोषी पाते हुए रिटायरमेंट से ऐन एक दिन पहले ही शासकीय सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। नवगठित नगर परिषद बकहो में कर्मचारियों की भर्ती और संविलियन के मामले में की गई विभागीय जांच के आधार पर श्री त्रिपाठी को दोषी पाते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से शासकीय सेवा से बर्खास्त करने का आदेश संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास द्वारा दिनांक 30 अक्टूबर 2023 को पारित किया गया है, श्री त्रिपाठी 31 अक्टूबर को सेवा निवृत होने वाले थे।"
शहडोल। संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास मध्य प्रदेश शासन भोपाल द्वारा जारी आदेश के तहत धनपुरी नगर पालिका के प्रभारी सीएमओ रहे रवीकरण त्रिपाठी को दिनांक 30 अक्टूबर 2023 को शासकीय सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। श्री त्रिपाठी पर नवगठित नगर पंचायत बकहो में कर्मचारियों की भर्ती और संविलियन मामले में लगे आरोपों की विभागीय जांच के बाद यह निर्णय पारित हुआ है। गौरतलब है कि श्री त्रिपाठी की 31 अक्टूबर को सेवानिवृत्ति भी होने वाली थी लेकिन सेवा निवृत्ति के एक दिन पूर्व ही संचालनालय द्वारा जारी आदेश ने उनके सेवानिवृत्ति की खुशियों को मातम में बदल दिया है।
क्या है मामला
संचालनालय द्वारा परित्र 12 पृष्ठीय आदेश पत्र में मामले की पूरी जानकारी का उल्लेख करते हुए संबंधित व्यक्तियों पर दोषारोपण एवं दोष सिद्धि का उल्लेख किया गया है। इसमें उल्लेखित तथ्यों के अनुसार ग्राम पंचायत बकहो को नगर पंचायत का दर्जा दिए जाने के बाद पंचायत की परिसंपत्तियों के स्थानांतरण एवं कर्मचारियों के संविलियन की कार्यवाही हेतु शासन द्वारा पांच सदस्य समिति गठित की गई थी जिसमें रवि करण त्रिपाठी तत्कालीन प्रभारी सीएमओ धनपुरी को मुख्य जिम्मेदारी दी गई। उक्त समिति द्वारा नगर परिषद में पुराने कर्मचारियों के संविलियन के साथ ही नए कर्मचारियों की भर्ती की भी प्रक्रिया पूरी की गई और ऐसे लोगों को सूचीबद्ध किया गया जो वहां के निवासी भी नहीं थे। उस समय यह आरोप लगाया गया कि ले देकर अवैध भर्ती की गई है लोगों द्वारा लगातार की जा रही शिकायतों को शासन प्रशासन ने गंभीरता से लिया और पूरे मामले की विभागीय जांच के आदेश दे दिए गए। जांच समिति द्वारा विभिन्न तथ्यों एवं उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर मामले की विवेचना की गई और उक्त समिति के सभी सदस्यों को कर्मचारियों की भर्ती एवं उसके माध्यम से शासन को लगभग 65 लाख रुपए की आर्थिक क्षति का दोषी पाया गया।सभी आरोप सिद्ध
शासन द्वारा इस मामले की जांच के लिए समिति गठित कर बिंदुवार आरोप तय करते हुए पूरे मामले की जांच कराई गई और उसमें यह सिद्ध पाया गया कि ग्राम पंचायत बकहो में पूर्व से कार्यरत 14 कर्मचारियों के नगर पंचायत में संविलियन के साथ ही 39 नए कर्मचारियों की भर्ती का कार्य किया गया जिसमें शासन द्वारा निर्धारित नियमों और निर्देशों की अनदेखी की गई है। जांच रिपोर्ट में इस बात का भी उल्लेख किया गया कि उक्त कर्मचारी की भर्ती एवं संविलियन के कारण शासन को लगभग 65 लख रुपए की आर्थिक क्षति उठानी पड़ी है उक्त राशि की देनदारी उसे पांच सदस्य समिति के सभी सदस्यों पर समान रूप से निकाल गई है जिन्होंने ग्राम पंचायत की परिसंपत्तियों के हस्तांतरण और पंचायत के कर्मचारियों के संविलियन व नए कर्मचारियों की भर्ती की कार्यवाही पूरी की है।
पुराने सभी आदेश निरस्त
विभागीय जांच आदेश में यह भी उल्लेखित है कि नगर पंचायत बाकू के गठन के उपरांत पंचायत की परेशान पत्तियों के हस्तांतरण वह कर्मचारियों के संविलियन भारती के संबंध में तत्कालीन समिति द्वारा जो भी कार्यवाही की गई अथवा जो आदेश दिए गए उन सभी आदेशों को निरस्त कर दिया गया है और उक्त समिति के अध्यक्ष के रूप में रवि करण त्रिपाठी एवं अन्य सदस्यों को समान रूप से दोषी और उत्तरदाई माना गया है। संचालनालय के निर्णय आदेश के मुताबिक जिन कर्मचारियों का संविलियन एवं नियुक्ति करण उक्त समिति के माध्यम से किया गया था वह सब शून्य हो चुके हैं साथ ही तत्कालीन प्रभारी सीएमओ रवि करण त्रिपाठी सेवा से बर्खास्त कर दिए गए हैं।
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