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रविवार, 19 सितंबर 2021

... तो इतिहास में दफन हो जाएगा नीलकंठ

 बूढ़ी हो गई ड्रगलाइन मशीन और धनपुरी खुली खदान

(राजू अग्रवाल)

धनपुरी।  एसईसीएल के सोहागपुर कोयलांचल की शान कही जाने वाली धनपुरी ओसीएम अब बूढ़ी हो चली है, और इसके साथ ही बूढ़ी हो गई वह तमाम विशालकाय मशीनें जो इस खदान को न सिर्फ एरिया बल्कि एसईसीएल कंपनी में अव्वल दर्जा दिलाती रही हैं। ड्रिल मशीन, सावल मशीन, हालपैक मशीन, डोजर मशीन के साथ ही सोहागपुर एरिया की जान ड्रग लाइन मशीन जैसे तमाम भारी-भरकम उपकरण अब जंग खाने की स्थिति में पहुंच रहे हैंं। वजह है शासन की रीति नीति के चलते धनपुरी खुली खदान का विस्तार न हो पाना। दशकों पूर्व अमरीकी जहाज में लाई गई 1860 टन वजन वाली ड्रगलाइन मशीन इन दिनों किसी पुर्जे में खराबी के कारण बेजान पड़ी हुई है। पुर्जा बदल जाने पर वह तो पुनर्जीवित भी हो जाएगी लेकिन क्या धनपुरी ओसीएम का अस्तित्व बचा रह पाएगा? धनपुरी ओसीएम के साथ ही ड्रगलाइन मशीन भी इतिहास के पन्नों में खो जाएगी क्योंकि इतनी विशाल मशीन को एक खदान से दूसरे खदान में शिफ्ट किया जाना संभव नहीं होगा।

भूगर्भ से कोयला निकालने में माहिर

एरिया की सबसे बड़ी धनपुरी ओपन कास्ट माइंस, जहां कोयला उत्पादन के लिए ड्रग लाइन की व्यवस्था एसईसीएल  द्वारा की गई थी, एरिया की सर्वाधिक उत्पादक इकाई में शामिल मानी जाती है। कुछ वर्ष पूर्व तक एरिया की शान रही ड्रगलाइन मशीन न सिर्फ धनपुरी ओसीएम के कोयला उत्पादन लक्ष्य को पूरा करने में महती भूमिका निभाती थी बल्कि अन्य खदानोंं की कमी को भी पूरा कर वार्षिक कोयला उत्पादन क्ष्य हासिल करने में अहम भूमिका थी। ड्रग लाइन मशीन का नाम है नीलकंठ 20/19, जो खदान में एक जगह खड़े खड़े होकर 200 मीटर नीचे से ओवी  (मिट्टी) निकाल कर चंद घंटों में मिट्टी का पहाड़ तैयार कर भूगर्भ में छिपे काले हीरे को जमीन से बाहर निकाल देता है।

मशीनों का गढ़ था डीओसीएम

एक जमाना जब धनपुरी ओसीएम में सबसे अधिक मशीनें थीं। ड्रिल मशीन, सावल मशीन, हालपैक मशीन,  डोजर मशीन, साथ में एरिया की शान ड्रग लाइन मशीन नीलकंठ जो ओबी निकाल व कोयला फेस के लिऐ जगह बनाने में अहम भूमिका निभाता रहा है। मौजूदा समय वही धनपुरी ओसीएम दुर्दशा के आंसू बहाते अपनी अंतिम सांसें गिनता नजर आ रहा है। सूत्रों की मानें तो कभी 50 हजार टन कोयला उत्पादन करने वाली यह खदान वर्तमान समय में चार-पांच सौ टन उत्पादन कर अपने अस्तित्व की जंग लड़ता देखा जा रहा है।

आए दिन ब्रेकडाउन

जानकार सूत्रों और श्रमिक नेताओं का कहना है कि धनपुरी ओसीएम खदान में खड़ी ड्रग लाइन मशीन नीलकंठ की कार्य क्षमता पहले जैसे देखने को नहीं मिल रही है। ड्रग लाइन मशीन के स्पेयर पार्ट्स रूस या अमरीका से मंगाया जाता है,  जिसे आने में महीनों लग जाते हैं। ऐसे हालात तें उत्पादन लक्ष्य का पूरा हो पाना कतई संभव नहीं है।

खाई पाटने का प्रयास

 सोहागपुर एरिया धनपुरी ओसीएम को एसईसीएल के द्वारा 2021-22 वार्षिक टारगेट 7 लाख टन दिया गया है। कोला उत्पादन लक्ष्य प्राप्त करने में महाप्रबंधक व प्रबंधन का पूरा सहयोग मिल रहा है लेकिन कोयला उत्पादन से जुड़ी अधिकांश मशीने पुरानी हो चुकी हैं। मशीनों के ब्रेकडाउन की स्थिति निर्मित हो रही है जिससे टारगेट को पूरा करने में क्षेत्रीय प्रबंधन को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यही वजह है कि सोहागपुर कोयलांचल महाप्रबंधक एस. नागाचारी सोहागपुर एरिया की विभिन्न  माइसो की ओर ध्यान देने के साथ ही नया बटुरा प्रोजेक्ट जल्द से जल्द खोलने के प्रयास में लगे हुए हैं जिससे सोहागपुर एरिया के घाटे को पाटा जा सके।

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