- चार साल बाद भी नहीं दिया कार्य-पूर्णता प्रमाण पत्र
- जयसिंहनगर जनपद की जमुड़ी पंचायत का मामला
स्टॉप डैम बरसात के पानी को बर्बाद होने से बचाने के लिए छोटी परियोजनाएं होती हैं, जिन्हें ग्रामींण क्षेत्रों में जरूरत के मुताबिक बनाया जाता है। लेकिन जयसिंहनगर जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत जमुड़ी में चार साल पहले जनभागीदारी योजनांतर्गत बनने वाले स्टॉप डैम का अभी तक कोई पता नहीं है।
शहडोल। जयसिंहनगर जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत जमुड़ी में आसपास के खेतों की सिंचाई, मवेशियों को पेयजल के साथ ही बरसाती पानी के स्टोरेज के लिए वर्ष 2016-17 में शिवभान के खेत के पास स्टॉप डैम का निर्माण कार्य स्वीकृत किया गया था। हैरानी वाली बात यह है कि जिला योजना एवं सांख्यिकी विभाग को आज तक उक्त स्टॉप डैम का कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र नहीं भेजा गया है। इस प्रकार जिस उद्देश्य के लिए स्टॉप डैम का निर्माण किया जाना था, वह आज भी अधूरा पड़ा है।
जल्द कराओ जांच
जिला योजना अधिकारी डॉ. डी.के. अहिरवार द्वारा जनपद पंचायत जयसिंहनगर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के नाम 16 मार्च 2021 को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि जनपद पंचायत जयसिंहनगर अंतर्गत ग्राम पंचायत जमुड़ी में शिवभान के खेत के पास स्टॉप डैम निर्माण कार्य वर्ष 2016-17 में जनभागीदारी योजनांतर्गत स्वीकृत किया गया था। जिसकी प्रशासकीय स्वीकृति 10 लाख रुपए है, परंतु उक्त कार्य का कार्य-पूर्णता प्रमाण पत्र आज दिनांक तक अप्राप्त है। पत्र में जनपद पंचायत जयसिंहनगर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी से उक्त कार्य की भौतिक स्थिति का निरीक्षण कराकर वस्तुस्थिति की जानकारी यथाशीघ्र भेजने को कहा गया है।
किसे पहुंचा फायदा?
जिलान्तर्गत सुनियोजित भ्रष्टाचार को अंजाम देने के लिए जिले की अनेक ग्राम पंचायतों में एक ही नाले पर चार-पांच स्टॉप डैम बना दिए गये हैं और ता"ाुब की बात यह है कि उन स्टॉप डैम में से किसी एक में भी पानी नहीं ठहरता। कुल मिलाकर ग्रामीणों को डैम का लाभ नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि स्टॉप डैम का निर्माण किसके लिए किया गया और इसका फायदा किसे पहुंचा? आमतौर पर अंदरूनी क्षेत्रों तक अफसरों की नजर नहीं जाती। इसी बात का फायदा उठाकर विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों ने जमकर भ्रष्टाचार किया है।
गुणवत्ता पर ध्यान नहीं
इस तरह के निर्माण कार्यों में जमकर भ्रष्टाचार होता है, चहेते ठेकेदारों से सांठगांठ कर उन्हें काम तो आवंटित कर दिया जाता है। लेकिन इनकी गुणवत्ता पर किसी का ध्यान नहीं जाता। जयसिंहनगर जनपद पंचायत अंतर्गत पंचायत स्तर पर सरकारी राशि के बंदरबांट के ऐसे कई उदाहरण मिल जाएंगे, जिसमें गुणवत्ता की अनदेखी करते हुए जमकर भ्रष्टाचार किया गया है। ऐसे निर्माण कार्य एक-दो साल में ही पूरी तरह से बेकार होकर कमीशनखोरी की भेंट चढ़ गए हैं। बहरहाल निर्माण कार्यों की जुबानी, कमीशनखोरी की कहानी का शीघ्र बड़ा खुलासा किया जायेगा।
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