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सोमवार, 23 सितंबर 2024

कोयले की नगरी में सब काला ही काला....?

- पहले स्टाप डैम,अब पुलिया ने खोली पोल

- धनपुरी नगर पालिका रच रही भ्रष्टाचार के नित नए कीर्तिमान


"बगईहा नाले पर निर्माणाधीन स्टॉप डैम के ध्वस्त होने के बाद मची चिल्ल-पों और कथित जांच की कार्यवाही अभी पूरी भी नहीं हो पाई थी कि दूसरा कांड सामने आ गया। धनपुरी नगर पालिका ने 60 लाख रुपये के कुल एस्टीमेट वाले रपटा पुलिया का निर्माण 3 करोड़ 40 लख रुपए में कराया गया और वह भी पहली ही बरसात में जवाब दे गया। निर्माण कार्य किसने, कितने में, कब, किया इसके संबंध में सूचना पटल तो कहीं लगा नहीं है लेकिन जानकार सूत्रों की माने तो यह नगर पालिका अध्यक्ष के तथा कथित रिश्तेदारों या उनके द्वारा खुद ही कोई फर्म बनाकर उक्त निर्माण कार्य कराया गया और नगर पालिका को लाखों के बजाय करोड़ों की चपत लगा दी। नगरवासी निर्माण कार्यों और उनमें हुए भ्रष्टाचार को लेकर सवाल उठाते नहीं थक रहे लेकिन इन सवालों का जवाब वास्तव में किसी के पास है ही नहीं, या जिनके पास है वह स्वयं इस कथित घोटाले के सूत्रधार माने जा रहे हैं। सवाल यह उठता है कि धनपुरी नगर पालिका में चल रहे भ्रष्टाचारों के खेल पर कभी कोई लगाम लगेगी भी या नगर वासियों को यूं ही लुटने, पिटने और रोने के लिए छोड़ दिया जाएगा।"

धनपुरी। अभी एक माह ही बीते होंगे एक करोड़ क़ी लागत से बने स्टाप डैम क़ो बहे हुए और इसी बीच नगर पालिका धनपुरी द्वारा ग्राम सिलपरी क़ो जोड़ने के लिए बनवाया गया ज़ो कि स्टाप डैम से महज 150मीटर क़ी दुरी पर स्थित है, वह भी पहली ही बारिस की भेंट चढ़ गया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार इस रपटे (पुलिया ) के निर्माण स्थल पर न तो कोई सूचना पटल लगी हैं ना ही निर्माण औऱ गुडवत्ता से संबधित कोई सूचना ही। निकाय से जुड़े सूत्रों की मानें तो इस पुलिया का निर्माण तो 60 लाख रुपए क़ी लागत से होना था परंतु  निर्माण कार्य 3करोड़ 40 लाख में कम्प्लीट हुआ। क्यों और कैसे यह रहस्य ही बना हुआ है। ना तो नगर पालिका के पार्षदों या अन्य लोगों को इस बात की जानकारी है और न ही आमजन को। कर्ताधर्ताओं ने मनमानी तरीके से एस्टीमेट बढ़ाया और कथित तौर पर घटिया स्तर का निर्माण कर खानापूर्ति की तथा अपना बैंक बैलेंस ठीक कर लिया। जिसका अब ध्वस्तप्राय पुलिया के रूप में सामने है। सूत्र बताते हैं कि स्टीमेट से चार गुनी लागत से इस पुलिया का निर्माण करवाया गया, महाकाल कंस्ट्रक्शन के नाम से इस पुलिया का टेंडर पास हुआ था। सूत्रों क़ी माने तो अध्यक्ष जी के रिश्तेदारों ने  ही महाकाल कंस्ट्रक्शन कंपनी बनाई है।
क्या होगा वाटर पार्क का
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि वार्ड नंबर 2 में वाटर पार्क का निर्माण करोड़ों की लागत से हो रहा है। निर्माण कार्य कौन ठेकेदार कर रहा है, कौन से  इंजीनियर की देखरेख में हो रहा है, निर्माण कार्य की लागत कितनी है, बाहर बोर्ड नहीं लगाया गया है। कहीं वही ठेकेदार तो नहीं तो जिसने स्टाप डेम बनाया था जो पानी में बह गया है। नगर पालिका निर्माण कार्यों में पार्दर्शिता क्यों नहीं अपना रही है जिससे निर्माण कार्य स्थल में बोर्ड लगाए जाने से लोगों को जानकारी मिल सके।
खुलने लगी पोल
अब इस घटिया निर्माण क़ी परत बारिश में खुलने लगी है, पुलिया निर्माण में नीचे क़ी तरफ ज़ो कंक्रीट का बेस डाला गया था वो बारिश में बह गया  औऱ पुलिया कमजोर हो गई  इस पुलिया में ज़ो भ्रष्टाचार हुआ है उस पर अभी तक किसी भी जनप्रतिनिधि का ध्यान नहीं गया। जिस तरह स्टाप डैम बहा औऱ मीडिया ने प्रमुखता से इस पर सवाल किया जिससे नगर पालिका में ही परिषद क़ी बैठक बुला कर  उपयंत्री क़ो क्लींन चिट देते हुए ठेकेदार क़ो ब्लैक लिस्ट किया ये भी जनता के सामने हैं।
स्थानीय नगर वासियों ने नगर व जिला प्रशासन से स्टॉप डैम एवं पुलिया के निर्माण कार्य की उच्च स्तरीय जांच कराए जाने एवं जैसी की आशंका है इन निर्माण कार्यों में व्यापक अधिनियमिताएं बढ़ती गई है यदि ऐसा है तो दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही कर जय की गई राशि की वसूली कराए जाने के लिए मांग की गई है।

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