पार्थिव शिवलिंग पूजन के साथ किया गया रुद्राभिषेक - Blitztoday

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रविवार, 13 अगस्त 2023

पार्थिव शिवलिंग पूजन के साथ किया गया रुद्राभिषेक


भगवान शिव के विभिन्न अवतारों की कथा का वर्णन

 श्री राम धाम सोहागपुर में शिव महापुराण कथा का भव्य आयोजन


शहडोल। श्री राम जानकी मंदिर (श्री राम धाम) सोहागपुर में गत 4 अगस्त से जारी श्री शिव महापुराण कथा आयोजन के दौरान 12 अगस्त कमला एकादशी के दिन पार्थिव शिवलिंग पूजन एवं रुद्राभिषेक का भव्य आयोजन किया गया जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्तों ने सहभागिता निभाई। इस अवसर पर शिव पुराण कथा वाचन कर रहे पंडित डॉ. राम किशोर द्विवेदी 'शास्त्री जी' ने व्यास गद्दी से ही वैदिक मंत्रों का उच्चारण करते हुए पार्थिव शिवलिंग का पूजन एवं रुद्राभिषेक संपन्न कराया। शाम को शिव पुराण कथा मैं उन्होंने भगवान शंकर के विभिन्न अवतारों और उनसे जुड़ी कथाओं का वर्णन किया।
श्री शिव महापुराण कथा का वाचन करते हुए शास्त्री जी ने विभिन्न कालखंडों मे भगवान शंकर द्वारा धारण  किए गए अवतारों तथा उनसे जुड़ी कथाओं का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि भगवान विष्णु के अवतार के बारे में तो सभी जानते हैं लेकिन भगवान शिव के अवतारों के बारे में बहुत कम लोग जानते होंगे और ब्रह्मा के अवतारों के बारे में तो लोग कुछ भी नहीं जानते। गुरु दत्तात्रेय तीनों ही देवताओं के अवतार थे। हालांकि अनसुईया को तीन पुत्र हुए थे जिसमें से एक पुत्र चंद्रमा थे जो कि ब्रह्मा के अवतार थे। आज हम आपको भगवान शिव के अवतारों के बारे में बताते हैं।
शास्त्री जी ने बताया कि शिव महापुराण में भगवान शिव के अनेक अवतारों का वर्णन मिलता है। कहीं कहीं उनके 24 तो कहीं उन्नीस अवतारों के बारे में उल्लेख मिलता है। वैसे शिव के अंशावतार भी बहुत हुए हैं। हालांकि शिव के कुछ अवतार तंत्रमार्गी है तो कुछ दक्षिणमार्गी। शिव के दसावतार:- महाकाल, तारा,  भुवनेश, षोडश,  भैरव,  छिन्नमस्तक गिरिजा,  धूम्रवान, बगलामुख, मातंग और कमल नामक अवतार हैं। ये दसों अवतार तंत्रशास्त्र से संबंधित हैं। शिव के अन्य 11 अवतार जिन्हें रुद्र कहते हैं कपाली,  पिंगल,  भीम, विरुपाक्ष, विलोहित, शास्ता, अजपाद, आपिर्बुध्य,  शम्भू, चण्ड तथा भव।... उक्त रुद्रावतारों के कुछ शस्त्रों में भिन्न नाम भी मिलते हैं। इन अवतारों के अलावा शिव के दुर्वासा, महेश, वृषभ, पिप्पलाद, वैश्यानाथ, द्विजेश्वर, हंसरूप, अवधूतेश्वर, भिक्षुवर्य, सुरेश्वर, ब्रह्मचारी, सुनटनतर्क, द्विज, अश्वत्थामा, किरात, नतेश्वर और हनुमान आदि अवतारों का उल्लेख भी 'शिव पुराण' में हुआ है जिन्हें अंशावतार माना जाता है।


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