- जुर्माना राशि अदा करने के बाद फिर बिना मास्क चल पड़ते हैं लोग
- कोविड-19 के उपायों में लगातार बढ़ती जा रही लापरवाही
शहडोल। अपने नए वेरिएंट ओमी क्रोन के साथ कोरोनावायरस दिनोंदिन लोगों को संक्रमित कर रहा है बड़ी संख्या में मिल रही पॉजिटिव रिपोर्ट को देखते हुए शासन प्रशासन द्वारा जितने भी एहतियाती उपाय किए जा रहे हैं आमजन उतने ही लापरवाह देखे जाते हैं। केंद्र व राज्य शासन द्वारा जारी गाइडलाइन के साथ ही जिला आपदा प्रबंधन समिति द्वारा लिए गए निर्णय के तहत प्रशासनिक अमला पूरी मुस्तैदी के साथ लोगों को कोविड वैक्सीनेशन के साथ ही कोविड-19 अनुरूप व्यवहार करने के लिए समझाइश दे रहा है बावजूद इसके लोगों द्वारा बरती जा रही लापरवाही में कोई कभी देखने को नहीं मिल रही है। विभिन्न विभागों के अधिकारी कर्मचारियों द्वारा दिन रात शहरी एवं ग्रामीण आबादी क्षेत्र में वाहन एवं लाउडस्पीकर के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का कार्य किया जा रहा है इसके अलावा रोको टोको अभियान भी चलाया जा रहा है सड़कों पर चलने वाले लोगों को रोककर मास्क पहनने के लिए उत्प्रेरित करने के साथ ही न पहनने वालों को अर्थदंड भी दिया जा रहा है लेकिन इसके बाद भी लोगों पर कोई विशेष फर्क पड़ता नहीं देखा जा रहा है।
सिर्फ जुर्माना ही क्यों
कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण और पॉजिटिव रिपोर्ट की संख्या में वृद्धि को देखते हुए शासन प्रशासन द्वारा इन दिनों सख्ती बरतते हुए लोगों को कोविड-19 के अनुरूप व्यवहार करने की समझाइश देने का कार्य किया जा रहा है इसके लिए शहर के विभिन्न हिस्सों में आए दिन मास्क एवं टीकाकरण की चेकिंग का कार्य भी किया जा रहा है। जांच कार्य में लगे अधिकारी कर्मचारियों द्वारा बिना मास्क घूमने वाले व्यक्तियों पर सख्ती बरतते हुए तथा भविष्य में मास्क लगाकर चलने की नसीहत देने के लिए देश व प्रदेश के विभिन्न भागो की भांति यहां भी जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है और प्रति व्यक्ति ₹200 जुर्माना वसूला जा रहा है लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या जुर्माना लगाने का अर्थ देने मात्र से उद्देश्यों की पूर्ति हो सकती है?
मास्क भी दिया जाए
जिला प्रशासन एवं जिला आपदा प्रबंधन समिति के निर्देश पर सहरवा जिले के विभिन्न हिस्सों में मास्क एवं वैक्सीनेशन की जांच कार्य में लगे अधिकारी कर्मचारियों की मेहनत सफल नहीं हो पा रही है आमजन के बीच इस बात की चर्चा जरूर है कि शासन प्रशासन द्वारा जिन लोगों से जुर्माना राशि वसूली जाती है उन्हें मास्क भी उपलब्ध कराया जाना चाहिए क्योंकि बिना मास्क के घूमने वाला व्यक्ति जुर्माना देकर भी बिना मास्क के ही निकल जाता है इसलिए उचित यही होगा कि भले जुर्माने की दर बढ़ा दी जाए लेकिन जुर्माने की रसीद काटने के साथ ही संबंधित व्यक्ति को मास्क भी उपलब्ध कराया जाना चाहिए ताकि वह वहां से मास्क लगाकर ही आगे बढ़ सके।
बिल्कुल सही, जुर्माना ही उद्देश्य न हो,,,
जवाब देंहटाएं