एसईसीएल द्वारा नहीं किया गया त्यौहार पूर्व वेतन भुगतान
धनतेरस में सुस्त पड़ा कारोबार, दीपोत्सव पर्व भी हुआ बेकार
शहडोल (ब्लिट्जटुडे)। धरती का सीना चीर कर कोयला निकालने और उसी कोयले से लोगों के जीवन को प्रकाशमय बनाने वाले एसईसीएल के हजारों लाखों कर्मचारियों एवं उनके परिजनों की दीवाली इस वर्ष कोयले जैसी काली होकर रह गई है। साउथ ईस्टर्न कोल फील्ड्स के अधिकारियों द्वारा इस वर्ष दीपावली त्यौहार के पूर्व वेतन का भुगतान नहीं किये जाने से जहां एक ओर कॉलरी कर्मचारियों के लाखों घरों सें दीपोत्सव पर्व की खुशियां नदारद हो गईं वहीं दूसरी ओर न सिर्फ सोहागपुर कोयलांचल बल्कि पूरे शहडोल संभाग के बाजारों को भी मायूसी का सामना करना पड़ा है। संभाग के तीनों जिलों शहडोल, उमरिया अनूपपुर में कॉलरी की कई खदानों में हजारों-लाखों कर्मचारी कार्यरत हैं और यही कर्मचारी सबसे बड़े खरीददार भी होते हैं लेकिन पगार न मिलने से इनके हाथ बंध गए जिसका खामियाजा न सिर्फ कॉलरी कर्मचारी परिवारों बल्कि बाजारों को भी भुगतना पड़ रहा है।
पिछले दो वर्षों से कोरोना की मार और लॉकडाउन की वजह से बुरी तरह टूट चुके त्यौहारी बाजार में इस वर्ष बड़ी मुश्किल से रौनक लौटी थी लेकिन एसईसीएल प्रबंधन के अधिकारियों ने उस पर भी ग्रहण लगा दिया। हिन्दुओं के सबसे बड़े त्यौहार दीपावली के पूर्व वतन का भुगतान नहीं किये जाने के कारण विभिन्न कोयला खदानों एवं इससे संबद्ध संस्थानों, कार्यालयों में कार्यरत हजारों लाखों कर्मचारियों का त्यौहार फीका पड़ गया। यही वजह है कि त्यौहारी बाजार में भी उत्साह की अपेक्षाकृत कमी देखी गई। वेतन मिलने पर आभूषण, इलेक्ट्रॉनिक आयटम और ऑटोमाबाइल की खरीददारी करने वाले कर्मचारियों कटोरी, चम्मच आदि खरीद कर धनतेरस जैसा बड़ा पर्व मनाने को विवश होना पड़ा है।
यह है प्रावधान
प्राप्त जानकारी के अनुसार एसईसीएल कर्मचारियों की मासिक हाजिरी हर माह की 21 तारीख से अगले माह की 20 तारीख तक लगती है और हर महीने की 10 तारीख को वेतन का भुगतान किया जाता है। अभी तक तो यही होता आया है कि यदि कोई बड़ा त्यौहार वेतन के पूर्व या महीने के आखिरी दिनों में पड़ता तो उन्हें निर्धारित तिथि के पूर्व वेतन का भुगतान कर दिया जाता था लेकिन इस वर्ष एसईसीएल के सीएमडी/अध्यक्ष ने दीपावली त्यौहार के पूर्व वेतन भुगतान के मामले में हाथ खड़े कर दिये। वेतन के अभाव में अधिकांश कर्मचारियों को इस महत्वपूर्ण और बड़े पर्व में भी आर्थिक कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है।
रोजमर्रा वाले कर्मचारी
एसईसीएल विशेषकर सोहागपुर कोयलांचल में कार्यरत अधिकांश कर्मचारी ऐसे हैं जो पगार मिलने के कुछ ही घंटों या दिनों में कंगाल जैसे हो जाते हैं और उधार लेकर जीवन गुजारते हैं। पगार आने पर पुराना कर्ज चुकाते और फिर से उधार लेकर जीना खाना शुरू कर देते हैं। ऐसे कर्मचारियों को यदि त्यौहार के पूर्व नहीं मिला तो इसका मतलब यह है कि उनका पूरा त्यौहार ही बेकार हो गया। कुछ कर्मचारियों एवं अधिकारी वर्ग को छोड़ दें तो सभी कर्मचार इसी श्रेणी में आ जाते हैं। इस वर्ष दीपावली में वेतन भुगतान नहीं होने से तकरीबन यही स्थिति निर्मित हो चुकी है।
जेसीसी मेंबरों ने किया था प्रयास
एसईसीएल से संबद्ध कर्म चारी मो. शमीम खान ने जानकारी देते हुए बताया कि जेसीसी मेंबरों ने बिलासपुर मुख्यालय में दीपावली पर्व के पूर्व कर्मचारियों के वेतन भुगतान के संबंध में एसईसीएल के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक का ध्यान आकृष्ठ कराया थ लेकिन सीएमडी ने वेतन भुगतान निर्धारित समय से पूर्व दीपावली के अवसर पर किये जाने में असमर्थता व्यक्त कर दी जिसके कारण एसईसीएल के हजारों लाखों कर्मचारियों अधिकारियों की दीपावली जैसी काली और नीरस होकर रह गई जिसका खामियाजा शहडोल संभाग के विभिन्न बाजारों को भी भुगतना पड़ रहा है।
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