शहडोल संभाग की एक मात्र शिक्षिका, शिक्षक दिवस के अवसर पर राज्यपाल पुरस्कार से सम्मानित
यूं तो जिले में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है,लेकिन नित नये नवाचारों के जरिये शहडोल जैसे अत्यंत पिछड़े, आदिवासी बहुल जिले के सुविधा विहीन छात्र-छात्राओं को राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में सहभागिता दिलाकर उन्हें बाल वैज्ञानिक का दर्जा दिलाने की काबिलियत भी हर किसी में नहीं है। निर्धन,आदिवासी विद्यार्थियों में विज्ञान में ज्ञान की गंगा प्रवाहित करने वाली ऐसी ही शिक्षिका हैं डॉ. श्रीमती निधि शुक्ला जिन्हें इस वर्ष राज्यपाल शिक्षक सम्मान से सम्मानित किया गया है।
शहडोल। शिक्षक दिवस के अवसर पर शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय छतवई की शिक्षिका डॉ. श्रीमती निधि शुक्ला को राज्यपाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार के द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कलेक्टर डा. सत्येंद्र सिंह के द्वारा डॉ. निधि शुक्ला को शॉल, श्रीफल एवं 25000 का चेक, प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया ।
नवाचार युक्त अध्यापन
विज्ञान विषय को न केवल छात्रों के लिए वरन समाज और समुदाय के लिए सरल सुगम और रोचक बनाने हेतुं कृत संकल्पित डा.ॅ निधि ने न सिर्फ छात्रों के लिए शिक्षा को सतत व नवाचारी बनाया बल्कि जीवन में वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाकर समाज व देश को अंध विश्वास से दूर करने के लिए 15 वर्षों से इसी कर्तव्य निष्ठा से काम करते हुए नवाचार युक्त अध्यापन अपने शिक्षण में शामिल किया। राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक कांग्रेस में गाइड टीचर के रूप में उनके निर्देशन में विद्यालय की छात्रा का शोध पत्र राज्य स्तर के लिए चयनित हुआ।
उपलब्धियों का दौर
डॉ. निधि शुक्ला की अध्यापन शैली और विद्यार्थियों को तैयार करने की उनकी ललक का ही परिणाम है कि उनके मार्गदर्शन में बच्चों का नेशनल चिल्ड्रन साइंस कांग्रेस 2015 भोपाल में चयन हुआ,27 वें राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस 2019 भोपाल में राज्य स्तर चयन हुआ, 28 वें राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस 2020 राज्य स्तर के लिए चयनित हुआ, उन्होंने राज्य स्तरीय शैक्षिक संगोष्ठी भोपाल में सहभागिता नेशनल सेमिनार 2007, नेशनल सेमिनार 2010 ,नेशनल सेमिनार 2017 में हिस्सा लिया।
खोजा और तराशा
विज्ञान के प्रति जागरूकता व वैज्ञानिक सोच रचनात्मकता को बढ़ावा देने के लिए आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने के कारण यहां ज्यादा पढ़े लिखे लोग नहीं होते उन्हीं के बीच से छात्र-छात्राओं की प्रतिभाओं को खोज कर उन्हें 2015 में इंस्पायर अवार्ड में हिस्सा दिलवाया जिससे विद्यालय की छात्रा का चयन राज्य स्तर के लिए हुआ।
विज्ञान क्लब का गठन
32 वा पश्चिम भारत विज्ञान मेला 2019 में डॉ निधि शुक्ला के निर्देशन में विद्यालय की छात्रा का चयन राज्य स्तर के लिए हुआ। विज्ञान नाटिका उत्सव 2019 में विद्यालय के 8 प्रतिभागियों का चयन निधि शुक्ला के निर्देशन में हुआ राज्य स्तर के लिए हुआ। विज्ञान प्रसार की क्लब कोऑर्डिनेटर बन कर विज्ञान क्लब का गठन करके विद्यालय में विज्ञान की बहुत सी गतिविधियों को संचालित किया नवाचारी शिक्षण की दिशा में कार्य विज्ञान अनुभव करना सिखाता है और जो समाज से घर से रसोई से उद्यान से जुडऩा आवश्यक है । विज्ञान को ब्लैक बोर्ड और पुस्तकों से बाहर लाकर जीवन से जोडऩा ही मुख्य उद्देश्य है। मां बेटी मेला ,रसोई वैद्य जैसे नवाचार लाकर ग्रामीण आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों की बेटियों के जीवन में छुआछूत जैसी अवधारणा में बदलाव किया।
मल्टी मीडिया का प्रयोग
कक्षा शिक्षण में मल्टीमीडिया का प्रयोग किया एवं आईसीटी की कार्यशाला में सहभागिता करके आईसीटी के विभिन्न टूल्स का उपयोग शिक्षण कार्य में किया ब्लॉग लेखन का कार्य ,यूट्यूब चैनल पर वीडियो का निर्माण वेबसाइट का निर्माण स्वयं के ऐप का निर्माण किया।
इसी के साथ कोविड-19 महामारी के दौरान लोगों में जागरूकता हेतु वीडियो द्वारा पोस्टर द्वारा साथ ही मध्य प्रदेश के अन्य राज्यों के विद्यार्थियों को विज्ञान से जोडऩे के प्रयास से कई गतिविधियों का आयोजन ऑनलाइन किया गया।
ये रहे मौजूद
कार्यक्रम में सहायक आयुक्त ,जिला शिक्षा अधिकारी,डाइट प्राचार्य, बी डी पाठक जिला परियोजना समन्वयक,श्रीमती अर्चना खरे प्राचार्य उच्चतर माध्यमिक विद्यालय छतवई उपस्थित रहे ,अरविंद पांडे जी, डॉ .ब्रह्मानंद शुक्ला, डॉ .रितेश मंडल ,रुद्रांश शुक्ला, आर्यांश शुक्ला उपस्थित रहे।
यूं तो जिले में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है,लेकिन नित नये नवाचारों के जरिये शहडोल जैसे अत्यंत पिछड़े, आदिवासी बहुल जिले के सुविधा विहीन छात्र-छात्राओं को राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में सहभागिता दिलाकर उन्हें बाल वैज्ञानिक का दर्जा दिलाने की काबिलियत भी हर किसी में नहीं है। निर्धन,आदिवासी विद्यार्थियों में विज्ञान में ज्ञान की गंगा प्रवाहित करने वाली ऐसी ही शिक्षिका हैं डॉ. श्रीमती निधि शुक्ला जिन्हें इस वर्ष राज्यपाल शिक्षक सम्मान से सम्मानित किया गया है।
शहडोल। शिक्षक दिवस के अवसर पर शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय छतवई की शिक्षिका डॉ. श्रीमती निधि शुक्ला को राज्यपाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार के द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कलेक्टर डा. सत्येंद्र सिंह के द्वारा डॉ. निधि शुक्ला को शॉल, श्रीफल एवं 25000 का चेक, प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया ।
नवाचार युक्त अध्यापन
विज्ञान विषय को न केवल छात्रों के लिए वरन समाज और समुदाय के लिए सरल सुगम और रोचक बनाने हेतुं कृत संकल्पित डा.ॅ निधि ने न सिर्फ छात्रों के लिए शिक्षा को सतत व नवाचारी बनाया बल्कि जीवन में वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाकर समाज व देश को अंध विश्वास से दूर करने के लिए 15 वर्षों से इसी कर्तव्य निष्ठा से काम करते हुए नवाचार युक्त अध्यापन अपने शिक्षण में शामिल किया। राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक कांग्रेस में गाइड टीचर के रूप में उनके निर्देशन में विद्यालय की छात्रा का शोध पत्र राज्य स्तर के लिए चयनित हुआ।
उपलब्धियों का दौर
डॉ. निधि शुक्ला की अध्यापन शैली और विद्यार्थियों को तैयार करने की उनकी ललक का ही परिणाम है कि उनके मार्गदर्शन में बच्चों का नेशनल चिल्ड्रन साइंस कांग्रेस 2015 भोपाल में चयन हुआ,27 वें राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस 2019 भोपाल में राज्य स्तर चयन हुआ, 28 वें राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस 2020 राज्य स्तर के लिए चयनित हुआ, उन्होंने राज्य स्तरीय शैक्षिक संगोष्ठी भोपाल में सहभागिता नेशनल सेमिनार 2007, नेशनल सेमिनार 2010 ,नेशनल सेमिनार 2017 में हिस्सा लिया।
खोजा और तराशा
विज्ञान के प्रति जागरूकता व वैज्ञानिक सोच रचनात्मकता को बढ़ावा देने के लिए आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने के कारण यहां ज्यादा पढ़े लिखे लोग नहीं होते उन्हीं के बीच से छात्र-छात्राओं की प्रतिभाओं को खोज कर उन्हें 2015 में इंस्पायर अवार्ड में हिस्सा दिलवाया जिससे विद्यालय की छात्रा का चयन राज्य स्तर के लिए हुआ।
विज्ञान क्लब का गठन
32 वा पश्चिम भारत विज्ञान मेला 2019 में डॉ निधि शुक्ला के निर्देशन में विद्यालय की छात्रा का चयन राज्य स्तर के लिए हुआ। विज्ञान नाटिका उत्सव 2019 में विद्यालय के 8 प्रतिभागियों का चयन निधि शुक्ला के निर्देशन में हुआ राज्य स्तर के लिए हुआ। विज्ञान प्रसार की क्लब कोऑर्डिनेटर बन कर विज्ञान क्लब का गठन करके विद्यालय में विज्ञान की बहुत सी गतिविधियों को संचालित किया नवाचारी शिक्षण की दिशा में कार्य विज्ञान अनुभव करना सिखाता है और जो समाज से घर से रसोई से उद्यान से जुडऩा आवश्यक है । विज्ञान को ब्लैक बोर्ड और पुस्तकों से बाहर लाकर जीवन से जोडऩा ही मुख्य उद्देश्य है। मां बेटी मेला ,रसोई वैद्य जैसे नवाचार लाकर ग्रामीण आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों की बेटियों के जीवन में छुआछूत जैसी अवधारणा में बदलाव किया।
मल्टी मीडिया का प्रयोग
कक्षा शिक्षण में मल्टीमीडिया का प्रयोग किया एवं आईसीटी की कार्यशाला में सहभागिता करके आईसीटी के विभिन्न टूल्स का उपयोग शिक्षण कार्य में किया ब्लॉग लेखन का कार्य ,यूट्यूब चैनल पर वीडियो का निर्माण वेबसाइट का निर्माण स्वयं के ऐप का निर्माण किया।
इसी के साथ कोविड-19 महामारी के दौरान लोगों में जागरूकता हेतु वीडियो द्वारा पोस्टर द्वारा साथ ही मध्य प्रदेश के अन्य राज्यों के विद्यार्थियों को विज्ञान से जोडऩे के प्रयास से कई गतिविधियों का आयोजन ऑनलाइन किया गया।
ये रहे मौजूद
कार्यक्रम में सहायक आयुक्त ,जिला शिक्षा अधिकारी,डाइट प्राचार्य, बी डी पाठक जिला परियोजना समन्वयक,श्रीमती अर्चना खरे प्राचार्य उच्चतर माध्यमिक विद्यालय छतवई उपस्थित रहे ,अरविंद पांडे जी, डॉ .ब्रह्मानंद शुक्ला, डॉ .रितेश मंडल ,रुद्रांश शुक्ला, आर्यांश शुक्ला उपस्थित रहे।



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