वृद्धाश्रम कल्याणपुर एवं जिला जेल शहडोल में हुआ विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन
शहडोल। ''जिला एवं सत्र न्यायाधीश आर.के. सिंह के निर्देशन में बुधवार को वृद्धाश्रम कल्याणपुर शहडोल में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण की (वरिष्ठ नागरिकों के लिए विधिक सेवा) योजना 2016 के अंतर्गत विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। इसी प्रकार जिला जेल में भी विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। उक्त शिविर में प्रथम अपर जिला न्यायाधीश अविनाश चंद्र तिवारी, एवं अपर जिला न्यायाधीश एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शहडोल अनूप कुमार त्रिपाठी उपस्थित रहे।
श्री त्रिपाठी ने वरिष्ठ नागरिक योजना के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य वरिष्ठ नागरिकों को विधिक सहायता, सलाह और परामर्श के माध्यम से उन्हें विधिक प्रावधानों के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने में सक्षम बनाना, उनकी सरकारी कार्यक्रमों तक पहुंच सुनिश्चित करना तथा शारीरिक एवं सामाजिक सुरक्षा के उपाय करने के लिये तरीके खोजना है। इसके साथ ही उन्होंने माता पिता एवं वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण एवं कल्याण अधिनियम 2007 के उपबंधों पर भी प्रकाश डाला ।
शिविर में अविनाश चन्द्र तिवारी प्रथम अपर जिला न्यायाधीश ने वृद्धों की समस्याओं को जाना और उनके निराकरण हेतु परामर्श दिए। उन्होने वृद्धजन को संबोधित करते हुए कहा कि कोई भी व्यक्ति वृद्धाश्रम जानबूझ कर नहीं आना चाहता, लेकिन जीवन में कुछ परिस्थितियां ऐसी उत्पन्न होती हैं जो यहां आने के लिए बाध्य कर देती है। माता-पिता अपने संतान की परवरिश में सब कुछ न्यौछावर कर देते हैं किन्तु जब वही संताने माता-पिता की उपेक्षा करती है तो माता-पिता का हृदय विदीर्ण हो जाता है। सरकार की यह जिम्मेदारी है कि वो हर नागरिक के कल्याण के लिए कदम उठाये। वृद्धाश्रम इसीलिए बनाए गए हैं कि लोग यहां आकर आश्रय पा सके और अपने परिवार की उपेक्षा से उबर सकें। वरिष्ठजनों के स्वास्थ्य के देखभाल की इस उम्र में सर्वाधिक आवश्यकता होती है। अत: इस उम्र में जरूरतमंद वृद्धजनों को स्वास्थ्य, भोजन, आवास एवं मनोरंजन की सुविधाएं उपलब्ध हों इसीलिए वृद्धाश्रमों की स्थापना की गई है। शिविर में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश श्रीवास्तव भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा वृद्धाश्रम में रह रहे वरिष्ठ जनों को बिस्किट वितरण किया गया ।ÓÓ
जिला जेल में भी शिविर
जिला जेल में आयोजित शिविर में बंदियों को विधिक सहायता प्राप्त करने के अधिकार से अवगत कराते हुये अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तिवारी द्वारा प्लीबारगेनिंग की प्रक्रिया विचाराधीन बंदियों को समझाई गई। बंदीजनों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सभी अभिरक्षा के बंदियों को नि:शुल्क विधिक सहायता प्रदान किये जाने का विधि का प्रावधान है तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सदैव विधिक सलाह एवं सहायता प्रदान करने के लिये तत्पर है।
प्लीबारगेनिंग दाण्डिक मामले का समझौते के आधार पर अंतिम निराकरण हेतु एक उपबंध है। यदि कोई अभियुक्त जिसके विरूद्ध न्यायालय में कोई मामला चल रहा है और 18 वर्ष की उम्र से अधिक है तथा ऐसा मामला 7 वर्ष से अधिक कारावास से दंडनीय न हो तथा महिलाओं और बच्चों के विरूद्ध न हो देश की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को प्रभावित करने वाला न हो। ऐसे मामलों में अभियुक्त प्लीबारगेनिंग प्रक्रिया का लाभ उठा सकता है। इसका लाभ यह है कि अभियुक्त अपराध के लिये निर्धारित दण्ड की अधिकतम सजा में से एक चैथाई सजा से दंडित किया जायेगा ।
सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री त्रिपाठी ने बंदियों को विधिक अधिकारों के बारे में जानकारी दी तथा शिविर में उपस्थित ऐसे विचाराधीन बंदियों से विधिक सहायता के संबंध में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पैनल अधिवक्ताओं के माध्यम से प्रकरण में पैरवी कराये जाने हेतु जेल में उपस्थित पैरालीगल वालेंटियर्स से बंदियों के आवेदन जेल अधीक्षक के माध्यम से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शहडोल को दिये जाने हेतु कहा गया। इस विधिक साक्षरता शिविर में जेल सहायक जेल अधीक्षक एच.एस. राठौर व अन्य जेल के अधिकारी पैरालीगल वालेंटियर्स, अन्य जेल स्टाफ तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शहडोल के कर्मचारीगण उपस्थित रहे।
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जलाभिषेकम् कार्यक्रम के तहत जिले में 1596 कार्यों का वर्चुअल लोकार्पण
शहडोल। जलाभिषेकम् कार्यक्रम के तहत 2000 करोड़ से अधिक लागत की 57 हजार से अधिक जल संरचनाओं का वर्चुअल लोकार्पण मिंटो हॉल भोपाल से किया गया। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण शहडोल दे के एनआईसी कक्ष में सीधा प्रसारण के माध्यम से मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत शहडोल मेहताब सिंह गुर्जर, पीओ मनरेगा राहुल सक्सेना, लेखाधिकारी अशोक शुक्ला सहित जिला पंचायत के अन्य अधिकारियों ने देखा।
जलाभिषेकम् कार्यक्रम के अंतर्गत शहडोल जिले के जनपद पंचायत ब्यौहारी में 220, बुढार में 436, गोहपारू में 372, जयसिंहनगर में 313, सोहागपुर में 255 जिले में कुल 1596 कार्यों का वर्चुअल लोकार्पण किया गया। कार्यक्रम को जिले में 5 जनपद एवं 391 ग्राम पंचायतों में लगभग 15370 लोगों को इस कार्यक्रम में शामिल किया गया है।
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जिला मूल्यांकन समिति की बैठक संपन्न
शहडोल। कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट डॉ सत्येंद्र सिंह की अध्यक्षता में गत दिवस जिला मूल्यांकन समिति की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित की गई थी। आयोजित बैठक में जिला मूल्यांकन समिति के संयोजक गोवर्धन प्रसाद जिला पंचायत शहडोल द्वारा जिले की अचल संपत्तियों के बाजार मूल्य हेतु गाइडलाइन वर्ष 2021-22 के लिए उप जिला मूल्यांकन समिति द्वारा अनुमोदित प्रस्ताव संबंधित एजेंडा प्रस्तुत किया गया तथा ऑनलाइन पंजीयन की संपदा प्रणाली के प्रारंभ से अचल संपत्तियों की कीमत में वृद्धि ना किए जाने तथा वर्ष 2019 में शासन द्वारा पूरे प्रदेश की अचल संपत्तियों के बाजार मूल्य में 20 प्रतिशत की कमी किए जाने के उपरांत आगामी वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए अचल संपत्तियों के बाजार मूल्य में तर्कसंगत विश्लेषण के आधार पर वृद्धि की जा रही है। उन्होंने बताया कि जिले में विकास की गतिविधियों के आधार पर गाइडलाइन के नवीन लोकेशन भी खोलें जा रहे है।
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साहसी और वीर हो, तो करो आवेदन
शहडोल। सामान प्रशासन विभाग भोपाल ने जानकारी दी है कि महाराणा प्रताप शौर्य राज्य पुरस्कार के प्रस्ताव आमंत्रित किए जा रहे हैं। जिसमें आवेदन प्रस्तुत करने की अवधि 30 दिवस नियत है तथा अवधि 2 मार्च 2021 को समाप्त होगी एवं जिला स्तर पर प्राप्त होने वाले आवेदन पत्रों के संबंध में पुरस्कार नियम के पैरा 3 (1) के अनुसार वर्ष 2020 में प्रदान किए जाने वाला पुरस्कार 1 जनवरी 2020 से 31 दिसंबर 2020 तक आवेदकों द्वारा किए गए उल्लेखनीय साहस और वीरता पूर्ण कार्य के लिए ही दिया जाएगा।


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