जादुई कोयला: कितना भी गिरा दो वजन नहीं घटता
- प्रबंधन भुगत रहा कोयला चोरों और परिवहन कर्ताओं के बीच सांठ-गांठ का खामियाजा
धनपुरी/शहडोल। एक चमत्कार तब देखा गया था जब समुद्र के किनारे खड़ी श्री राम की सेना को रास्ता देने के बजाय सागर ने नल-नील से जुड़ा रहस्य बताया और उनके फेंके पत्थर पानी में तैरने लगे, दूसरा चमत्कार अब सोहागपुर कोयलांचल में देखने को मिल रहा है जहां ट्रक से कितना भी कोयला सड़क पर गिर जाए उसका वजन कम नहीं होता और न ही स्टॉक शार्टेज होता है। यह जादुई कोयला कहां से निकलता है, और सैकड़ों लोगों को कुबेर पुत्र बनाने के बाद भी अंगद के पूंछ की तरह कैसे बढ़ जाता है यह जानने के लिये खैरहा, दामिनी एवं राजेन्द्रा माइंस से उत्पादित कोयले की जांच और उसकी गुण्वत्ता का परीक्षण अनिवार्य है इसके बिना इस रहस्य से पर्दा उठ पाना शायद संभव नहीं होगा।
खैरहा, दामिनी, राजेंद्रा खदान से वाहनों में कोयला लोडकर प्रतिदिन बायपास मार्ग से बुढार रेलवे साइडिंग के लिऐ दिन रात परिवहन किया जाता है, शाम से रात्रि के बीच अंधेरे के समय बाईपास रोड के किनारे वाहन खड़ा कर कोयला वाहनों से गिराया जाता है, वहां प्रति दिन कोयला गिरने से 3 किलोमीटर तक जमीन पूरी तरह काली हो गई है कोयला गिरते ही आसपास के लोग बोरी मे कोयला भरकर साइकिल के माध्यम से रफूचक्कर हो जाते हैं। बरसात के दिनों में ईटा भट्टा तो बंद रहते हैं लेकिन ठंडी के दिनों में ईटा भट्टा के साथ ही घर-घर सिगड़ी में आग तापने के लिए ईंधन के रूप में कोयला का उपयोग किया जाता है। सीजन में ईंटा भ_ा व घरों में तथा ऑफ सीजन में कोयला तस्करों को कोयला बेचकर सैकड़ों गरीब परिवार रोजी कमा रहे हैं जबकि उनके उाध्यम से सैकड़ों कोल माफिया अपनी तोंद मोटी करने में लगे हुए हैं।
सुरक्षा विभाग का परोक्ष सहयोग
कोई भी व्यक्ति यह नहीं कह सकता है कि कोयले के काले कारोबार के पीछे एसईसीएल के सुरक्षा विभाग का हाथ है। यह संभव ही नहीं है क्योंकि सुरक्षा विभाग तो चोरी की गतिविधियों को रोकने का कार्य करता है। भारी भरकम अमला इसीलिये तो तैनात किया गया है। सुरक्षा विभाग द्वारा यदि कोयला चोरों की गतिविधियों पर अंकुश लगाने में कोताही बरती जाए या सब कुछ जानते हुये भी मौन साध लिया जाए तो यह मानने में कोई गुरेज नहीं होना चाहिये कि परोक्ष सहयोग में भी कोई कमी नहीं है और फिलहाल सुरक्षा विभाग यही कर भी रहा है। इन दिनों बायपास मार्ग में पेटोलिंग नहीं की जाती है जिससे कोयला चोरी पर रोक नहीं लग पा रही है। इस मार्ग पर कोयला लोड वाहनों से कांटा बाबूओ तथा सुरक्षा विभाग मे फीलगुड होना बताया जा रहा है। साईडिंग में बैठे कांटा बाबुओं के फील गुड का ही नतीजा है कि टनों माल उतर जाने के बाद भी ट्रक और कोयले के वजन में रत्ती भर भी कमी नहीं आती है।
हवा में उड़ गया तिरपाल
एसईसीएल द्वारा कोयला खदानों से साईडिंग तक कोयला परिवहन करने वाले वाहनों के लिये लोड किये गए कोयले को तिरपाल से ढंक कर लाने का प्रावधान किया गया है ताकि कोयले की बर्बादी और अपव्यय को रोका जा सके, बावजूद इसके किसी परिवहनकर्ता द्वारा अपने ट्रकों में तिरपाल का उपयोग नहीं किया जाता है। खुले वाहनों में अधिकतम लोडिंग कर कोयला परिवहन किये जाने से फटकर कोयला संग्रहकर्ताओं की चांदी हो जाती है जिसका सीधा फायदा बड़े कोल माफिया उठाते हैं। सोहागपुर एरिया में हर वर्ष घाटा होने के बाद भी कोयला चोरी रोकने के लिये कोयला वाहनों में तिरपाल न लगाये जाने पर कोई सुरक्षा विभाग या प्रबंधन के अधिकारी कोई कार्यवाही नहीं कर रहे हैं जबकि वाहनों की पड़ताल कर ऐसे वाहनों को ब्लैक लिस्ट करना चाहिए जिनके तिरपाल हवा में उड़ गए और अब वह कोयला के बद्धों को सरेआम उड़ा रहे हैं, ताकि कोयला चोरी पर प्रतिबंध लग सके।
कांटा बाबू की भूमिका संदिग्ध
सोहागपुर एरिया के खैरहा,राजेन्द्रा, दामनी, माइंस से प्रतिदिन बायपास मार्ग होकर बुढार रेलवे साइडिंग तक कोयले का परिवहन बड़े बड़े निजी वाहनो द्वारा खदानों में कांटा कराकर किया जाता है। कोयला कांटा कराकर ट्रक बुढार साइटिंग के लिए रवाना होते हैं और बुढार साइडिंग में भी कांटा किया जाता है। रास्ते में दोनो ओर बड़ी मात्रा में कोयला गिरा होन के बाद भी कोयला शॉर्ट न होना आश्चर्य की बात है। आखिर कोयला रास्ते में गिरने के बाद भी नापतोल विभाग संतुष्ट कैसे हो सकता है, यह जांच का विषय है। आखिर बाईपास मार्ग में कोयला कहां से और कैसे गिर रहा है, कौन गिरा रहा है, क्या काम बरसों से चल रहा है? प्रबंधन को इस ओर ध्यान देना चाहिये लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि बाबूराज ने अफसरों को भी जकड़ रखा है।
किस काम की नई सुरक्षा व्यवस्था
सोहागपुर एरिया में विभिन्न खदानो मे केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की तैनाती की गई है लेकिन कोयला चोरी, डीजल चोरी और कबाड़ चोरी पर अंकुश नहीं लग सका। कंपनी को दोहरा नुकसान उठाना पड़ रहा है। इनसे अच्छे तो पुराने सिक्योरिटी गार्ड ही थे जो कभी-कभार न सिर्फ चोरों को पकडऩे में कामयाब हो जाते थे बल्कि काफ हद चोरी की वारदातों पर भी काबू पान में समर्थ साबित होते थे। औद्योगिक सुरक्षा बल के नाम पर तैनात सुरक्षा कर्मी आए दिन हो रही चोरियों को रोकने और एसईसीएल को होने वाली क्षति को रोक पाने में बुरी तरह फ्लाप साबित हुये हैं। धनपुरी ओसीएम, अमलाई ओसीएम, दामिनी, राजेंदा्र से सीआईएसएफ की तैनाती होने के बाद भी बड़े पैमाने पर कोयला, डीजल, कबाड़ की चोरी आए दिन हो रही हैं और लगातार कंपनी को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
सोहागपुर कोयलांचल की मौजुदा व्यवस्थाओं में आमूलचूल परिवर्तन कर खदानों और उनकी उत्पादकता को पटरी पर लाने के लिये कृतसंकल्पित एरिया महाप्रबंधक से स्थानीय नागरिकों, श्रम संगठनों के पदाधिकारियों एवं जानकार लोगों ने कोयला सहित बेशकीमती सामानों की चोरी में संलग्र तत्वों और उनकी गतिविधियों पर अंकुश लगाए जाने की मांग की है ताकि सोहागपुर कोयलांचल को हो रहे घाटे को नियंत्रित एवं समाप्त किया जा सके।
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