सड़क चौड़ीकरणके नाम पर नोटिस देकर परिषद मना रही दूसरी वर्षगांठ
धनपुरी। यह मान्यता है कि जो घर और दुकान सड़क पर होते हैं उसका मूल्य बहुत ज्यादा होता है, लेकिन जब इंसान सड़क पर आ जाता है तो उसका कोई मूल्य नहीं रह जाता। शायद इसी लिए अपनी दूसरी वर्षगांठ पर लोगों के घरों को उजाड़ने का नोटिस देकर धनपुरी पालिका परिषद अपने नागरिकों को सड़क पर लाने का प्रयास कर रही है। संभवतः यह नगर परिषद की दूसरी वर्षगांठ पर नगर के लोगों के लिए अनमोल तोहफा है, जो वह उन्हें उजाड़ कर देना चाहती है। पिछले सप्ताह नगर पालिका परिषद धनपुरी द्वारा नगर के 200 से ज्यादा लोगों को भेजे गए नोटिस ने लोगों को चिंता में डाल दिया है।
क्या सिर्फ मॉडल रोड से होगा विकास
नोटिस आने के बाद लोगों के जहन में यह बात आ गई है कि नगर परिषद का विकास को लेकर नजरिया कुछ नकारात्मक है। क्या लोगों के मकानों को तोड़कर सड़कों को चौड़ा करके ही विकास किया जा सकता है? वह भी उस सड़क को चौड़ा करके जहां यातायात बहुत ज्यादा नहीं रहता। धनपुरी नगर की बस्ती को उजाड़कर यदि सड़क चौड़ी कर दी जाएगी तो इसका फायदा क्या होगा? यह विचारणीय प्रश्न है।
नहीं कराए गए यह काम
इस नगर पालिका परिषद के गठन के बाद से विकास के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च किए गए लेकिन आवश्यक कार्य नहीं हो पाए। नगर के लोगों को पीने का शुद्ध पानी आज तक नसीब नहीं हो पा रहा है। वर्षाकाल के दौरान भी लोग प्रदूषित जल पी रहे हैं। जिससे उन्हें बीमार होना पड़ रहा है। नगर में युवाओं के खेलने के लिए कोई स्टेडियम या मैदान नहीं बनाया गया। धनपुरी नगर पालिका क्षेत्र में बसों के स्टॉपेज के लिए बस स्टैंड नहीं बनाया गया। परिणाम स्वरुप बस सड़कों पर खड़ी होती हैं। इतना ही नहीं बुढ़ार और धनपुरी के बीच चलने वाले ऑटो के लिए आज तक कोई ऑटो स्टैंड भी नहीं बनाया गया। यही कारण है कि नगर में संचालित होने वाले ऑटो सड़कों पर खड़े दिखाई देते हैं। नगर में निराश्रित मवेशियों को लेकर कोई व्यवस्था नहीं की गई है। सड़कों पर निराश्रित मवेशी विचरण करते हुए दिखाई देते हैं। कुछ महीने पहले एक मवेशी के हमले में नगर के एक वृद्ध व्यक्ति की जान चली गई थी।
नरगड़ा नले की पुलिया नहीं हुई चौड़ी
नगर पालिका परिषद ना जाने किस तरह से विकास की डींगे हांक रही है। यदि विकास करना है तो सबसे पहले मार्ग पर स्थित नरगड़ा नले की पुलिया की पुलिया का चौड़ीकरण जरूरी है। इस नाले में मिलने वाले गंदे नालों और नालियों को रोकना जरूरी है। क्योंकि इस नाले के किनारे विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन भी होता था। रक्षाबंधन के दूसरे दिन काजलिया का कार्यक्रम इसी नाले पर होता था, लेकिन इस दिशा में नगर पालिका परिषद का ध्यान बिल्कुल भी नहीं जा रहा है। जिसकी नगर में निंदा हो रही है।
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