दो पोकलेन मशीनें, पनडुब्बी समेत 15 हाईवा ट्रक जप्त
- राजस्व एवं पुलिस विभाग द्वारा रेत के अवैध उत्खनन एवं परिवहन पर बड़ी कार्यवाही
- कुंभकरण निद्रा में लीन खनिज अधिकारी और अगले को नहीं लगी भनक
- काम न आया वंशिका का मैनेजमेंट
- जिले को बहुत महंगा पड़ रहा वंशिका कंस्ट्रक्शन का ठेका
(Anil Dwivedi)
राजस्व एवं पुलिस विभाग की संयुक्त टीम ने बड़ी कार्यवाही करते हुए पोंड़ी कला गांव में सोन नदी से रेत के अवैध उत्खनन एवं परिवहन कार्य में लगी दो पोकलेन मशीनें, एक पनडुब्बी और लगभग 15 हाईवा जप्त कर उनके विरुद्ध कार्यवाही की है। एसडीएम दिलीप कुमार पांडे एवं एसडीओपी भुवन भास्कर के नेतृत्व में की गई इस कार्यवाही से लोगों में खुशी तो है लेकिन असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई है। लोगों को यह समझ नहीं आ रहा है कि वह राजस्व एवं पुलिस विभाग की संयुक्त टीम की इस बेहतरीन कार्यवाही पर खुशी मनाते हुए ताली बजाएं या खनिज अधिकारी और उनके मातहत अमले की नाकामी तथा वंशिका कंस्ट्रक्शन नामक ठेकेदार कंपनी की सांठगांठ के कारण लगातार छलनी हो रहे सोन नदी की दुर्दशा पर मातम मनाते हुए अपना सिर पीटें।
शहडोल। कलेक्टर श्रीमती वंदना वैद्य एवं पुलिस अधीक्षक अवधेश कुमार गोस्वामी के निर्देशन में तथा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व जयसिंहनगर दिलीप कुमार पांडेय एवं अनुविभागीय अधिकारी पुलिस भविष्य कुमार भास्कर के नेतृत्व में शहडोल जिले के विकासखंड जयसिंहनगर के ग्राम पोंड़ीकला स्थित सोन नदी से 15 हाइवा और 2 पोकलेन अवैध उत्खनन एवं परिवहन करते पकड़े जाने वाले वाहनों की जब्ती की कार्यवाही की गई है। उक्त कार्यवाही तहसीलदार जयसिंहनगर दीपक कुमार पटेल एवं पुलिस विभाग के संयुक्त अमले द्वारा कार्यवाही की गई।
कल्पना मात्र भी व्यर्थ
यह कोई पहला अवसर नहीं है जब राजस्व एवं पुलिस विभाग की संयुक्त टीम द्वारा रेत के अवैध उत्खनन एवं परिवहन के विरुद्ध कार्यवाही की गई है। इसके पूर्व भी रेत खनन एवं परिवहन के विरुद्ध जितनी भी कार्यवाही हुई हैं वह सभी अपवादों को छोड़कर राजस्व एवं पुलिस विभाग द्वारा ही की गई। हालांकि अवैध उत्खनन एवं परिवहन को रोकने का दायित्व प्रत्यक्ष रूप से खनिज विभाग का है और राजस्व तथा पुलिस विभाग को इसमें सहयोगी की भूमिका में होना चाहिए जबकि ऐसा नहीं है। खनिज विभाग में पदस्थ अधिकारी एवं उनके मैदानी अमले द्वारा कभी भी जिले में रेत अथवा अन्य खनिजों के उत्खनन एवं परिवहन को रोकने की दिशा में कोई सख्त कार्यवाही नहीं की गई है, इसका कारण यह माना जाता है कि रेत माफियाओं ही नहीं पत्थर और मुरूम का उत्खनन एवं परिवहन करने वाले लोगों से भी विभागीय अमले के अत्यंत मधुर संबंध रहे हैं जिसके कारण किसी भी रेत या अन्य गौण खनिज माफिया के विरुद्ध कार्यवाही किए जाने की कल्पना मात्र भी व्यर्थ है।
वंशिका का साम्राज्य
शहडोल जिले की समस्त बड़ी-छोटी रेत खदानें, रेत उत्खनन एवं परिवहन हेतु वंशिका कंस्ट्रक्शन कंपनी नामक ठेकेदार फर्म को लीज पर दी गई हैं। जानकार सूत्रों की माने तो इस कथित फर्म में कई बड़े चेहरे शामिल हैं जिनका राजधानी तक जबरदस्त रसूख देखा जाता है। उक्त ठेकेदार कंपनी के कर्ताधताओं ने जिले के छुटभैया नेताओं एवं तथाकथित रेत कारोबारियों को पेटी कॉन्ट्रैक्ट पर विभिन्न रेत खदानों को बांट दिया गया है, जहां से वह मनमाने तौर पर रेत का अवैध उत्खनन एवं परिवहन कर अंधाधुंध अवैध कमाई में जुटे हुए हैं। पेटी कॉन्ट्रैक्ट पर रेत का उत्खनन एवं खदान का संचालन कोई भी कर रहा हो काम वंशिका कंस्ट्रक्शन का ही होता है। गांव गांव फैले तथाकथित खद्दरधारी रेत माफियाओं के साथ ही छुटभइयों द्वारा भले ही रेत का कारोबार किया जा रहा हो खदान से निकलने वाली रेत के वाहनों को टीपी वंशिका कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा जारी की जाती है, और इस प्रकार इस बात में कोई संदेह नहीं रह जाता है कि रेत के अवैध उत्खनन एवं परिवहन का सीधा अर्थ वंशिका कंस्ट्रक्शन कंपनी की मनमानी है? विभागीय अधिकारियों से सांठगांठ और खादी धारियों की मिलीभगत के चलते वंशिका कंस्ट्रक्शन कंपनी का साम्राज्य शहडोल जिले में स्थापित हो चुका है।
4 से 10 गुना महंगी रॉयल्टी
शहडोल जिले में रेत के दाम आसमान छू रहे हैं, इसका एकमात्र कारण जिले की सभी खदानों को एक ही फर्म को ठेके पर दे दिया जाना है। जिले की सभी रेत खदानों पर अपना साम्राज्य स्थापित कर चुकी वंशिका कंस्ट्रक्शन कंपनी और उनके गुर्गों ने मनमाने दाम पर रेत का कारोबार चला रखा है। जानकार सूत्रों की मानें तो मध्यप्रदेश शासन द्वारा जारी राजपत्र में एक घन मीटर रेत की रॉयल्टी 125 रुपये मात्र निर्धारित है, जबकि वसूली पांच से दस गुना तक की जा रही है। एक ट्रैक्टर ट्राली में 3 घन मीटर रेट आती है जिसकी रॉयल्टी 375 रुपये मात्र होती है लेकिन ट्रैक्टर वालों से 2200 से 2800 रुपये तक वसूला जाता है। इसी प्रकार मिनी ट्रक यानि डग्गी और हाईवा वालों से भी 4 से 10 गुना रायल्टी राशि वसूली जा रही है जिस पर न तो अधिकारियों द्वारा कोई रोक लगाई गई और ना ही जानकार व्यक्तियों द्वारा इस पर कोई आवाज उठाई जा रही है।
सबका अपना स्वार्थ
शहडोल जिले में बड़े पैमाने पर रेत के अवैध उत्खनन एवं परिवहन के पीछे की मुख्य वजह जिम्मेदार लोगों का अपना स्वार्थ रहा है। सूत्रों की माने तो ठेकेदार कंपनी द्वारा सभी प्रकार के प्रभावी व्यक्तियों का लिफाफा निर्धारित कर रखा गया है। हर महीने या हफ्ते मिलने वाले लिफाफे ने जिम्मेदार अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों एवं अन्य प्रभावी वर्ग के लोगों के मुंह में दही जमा कर रख दिया है।
अब तक नहीं टूटी नींद
राजस्व एवं पुलिस विभाग के अधिकारियों द्वारा जरूर समय-समय पर रेत के अवैध उत्खनन एवं परिवहन में लगे ठेकेदार कंपनी और उसके गुर्गों पर नकेल कसने की कोशिश की जाती रही है, लेकिन उच्च स्तर पर जबरदस्त सेटिंग होने के कारण तमाम कार्यवाहियोंं के बावजूद भी ठेकेदार कंपनी की गतिविधियों पर अंकुश नहीं लग सका है। पूर्व खनिज अधिकारी द्वारा कभी कभार कार्यवाही का साहस जुटाया भी गया तो कथित तौर पर ठेकेदार कंपनी के आकाओं ने उन्हें जिले से हटवा कर एक ऐसे व्यक्ति को बैठा दिया है जिसकी नींद महीनों की अवधि पूरी हो जाने के बाद भी नहीं टूट पा रही है।
एक अकेला थक जाएगा
शहडोल जिले में तमाम प्रकार के अपराधों और अवैध गतिविधियों को रोकने की दिशा में पुलिस कप्तान अवधेश कुमार गोस्वामी द्वारा जरूर निरंतर प्रयास किए जाते रहे हैं और उनके निर्देशन में पुलिस बल द्वारा जब तक कार्यवाही भी की जाती रही है उसी का नतीजा है कि पूरी कला में और इसके पूर्व तीखी में रेत के अवैध उत्खनन एवं परिवहन में लगे वाहनों को जप्त किया जा सका है। इन गतिविधियों को रोकने के लिए जिम्मेदार विभाग की कुंभकरण निद्रा के बावजूद अवैध गतिविधियों एवं अवैध उत्खनन को रोकने की दिशा में सतत प्रयत्नशील पुलिस कप्तान भी आखिर अकेले तब तक संघर्ष कर पाएंगे। अब जबकि शहडोल पुलिस जोन में नए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक की नियुक्ति हो चुकी है और उन्होंने आते ही अपनी मंशा भी जाहिर कर दी है ऐसे हालात में यह उम्मीद जरूर बनी है कि पुलिस कप्तान अब अकेले नहीं पड़ेंगे और उन्हें न सिर्फ सहयोग देने बल्कि उनका भी मार्गदर्शन करने के लिए एक सशक्त अधिकारी की उपस्थिति का लाभ जरूर प्राप्त होगा।
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